लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से व्यापार से लेकर कारोबार तक चौपट हो गया है। ऐसे में घरों में काम करने वाली महिलाओं के सामने भी बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। महिलाओं का रोजगार छिन गया है। जिसके चलते अब रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। महिलाओं का कहना है कि काफी समय से तबीयत खराब है न दवा मिली है न ही जांच हुई और न ही राशन मिला है। घर में कोई कमाने वाला भी नहीं है।

बिपाता आलम नगर के प्रभात पुरम में रहती हैं। घरों में काम करने वाली बिपाता बताती हैं कि करीब 2 महीने आने को है काम बंद होने से घर में ही हैं। हमारी काफी समय से तबीयत खराब है जो नमक रोटी मिल रही है वही खा रहे हैं। करीब 20 दिन हो गए हैं पेट में अन्न तक नहीं गया है। मेरे एक लड़का है वह भी काफी समय से घर में ही है। किसी का कोई काम धंधा नहीं चल रहा है। इस समय हम लोगों की हालत खराब है और भूख न मिटने से तबीयत भी खराब हो गई है न ही दवा मिली है और न ही कोई जांच करने आया है।

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4 से 5 हजार की होती थी कमाई
मिथिलेश पाल बताती हैं कि चौका बर्तन का काम काफी समय से करते आ रहे हैं। तबीयत खराब होने के बाद जिन घरों में काम करने जाते थे उन्होंने मना कर दिया। कोरोना के चलते लोगों ने कहा कि जब माहौल सही हो जाएगा तब काम करवाएंगे। नॉर्मल दिनों में 4 से 5 हजार की कमाई हो जाती थी। लेकिन अब रूखी सूखी खाकर काम चला रहे हैं। घर में 5 सदस्य हैं। इस समय किसी का काम नहीं चल रहा है। समस्या बहुत ज्यादा है। पिछले साल और इस साल किसी भी तरह कि कोई मदद हम लोगों को नहीं मिली है न ही जांच हुई न दवा मिली। पिछले 1 महीने से हम लोग बीमार पड़े हुए हैं। लेकिन कोई सुविधा हम लोगों को नहीं दी गई है।

सभी घर में बैठे, नहीं है कोई काम
प्रभात पुरम में रहने वाली राम श्री बताती है कि सालों से हम लोग चौका बर्तन का काम करते चले आ रहे हैं। कोरोना के पास लोगों ने घरों में बुलाना बंद कर दिया। इसलिए अब घर में ही रहते हैं। किसी तरीके से घर का खर्चा व काम चला रहे हैं। परिवार में इस समय कोई कमाने वाला नहीं है सभी घर पर ही बैठे हैं। सरकार ने गरीबों को 1 हजार देने को कहा है। मिलेगा तो कुछ राहत मिलेगी।https://gknewslive.com

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