धर्म कर्म: बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बाबा उमाकांत जी महाराज उज्जैन का संदेशा लेकर पधारे जोन प्रभारी डॉक्टर नन्द राम सिंह ने महा शिवरात्रि पावन पर्व पर अपने एक दिवसीय सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इसी पंच भौतिक मानव शरीर से ही प्रभु की प्राप्ति होती है चार खान चौरासी लाख योनियों में वह मालिक नहीं मिलता है , मनुष्य शरीर ही कर्म योनि है । प्राणी को समय के संत सतगुरु की खोज करनी चाहिए और उनसे गुरु दीक्षा (नामदान) लेकर उनके बताए गए रास्ते पर चलकर जीते जी प्रभु को पाया जा सकता है। यह संसार ही दुखो का सागर है यहां कोई सुखी नहीं है इस समय सभी लोग बीमारी, लड़ाई, झगड़े, आर्थिक तंगी से परेशान हैं इससे बचत के लिए उन्होंने उपाय बताया कि जयगुरूदेव जयगुरूदेव जयगुरूदेव जय जयगुरूदेव नाम की नाम ध्वनि रोज बोलने से तकलीफों में आराम मिलने लगता है।
आगे उन्होंने यह भी बताया कि इस समय लोगों का खान पान बिगड़ गया,देश के युवा नशा करने लगे , लोगों का चरित्र गिरने लगा है लोग अपने कर्तव्यों को भूल गए जिससे वह मालिक नाराज हैं और शक्त से सख्त सजा देने जा रहा है।आगे उन्होंने बताया कि बाबा उमाकांत जी महाराज ने आम जन मानस से अपील की है कि सभी लोग शाकाहारी, नशा मुक्त, देशभक्त ,चरित्रवान हो जाएं और अपने मालिक , अपने प्रभु को याद करने लगे तो भारत देश को विश्व गुरु बनने में अब देर नहीं लगेगी ।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संकटा प्रसाद शुक्ल, जगदीश पटेल, नेत्र पाल सिंह, राजकुमार, भानु प्रताप, रामशंकर पाल,गयालाल, देवेन्द्र शर्मा, ओम प्रकाश शुक्ला सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल हुई।