Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के विधायकों ने समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर हिंदी भाषा का विरोध करने का आरोप लगाया। आरएलडी विधायकों ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। वहीं सदन मन भारी विरोध के चलते विधान परिषद की कार्यवाही को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
तमिलनाडु के हिंदी विरोध पर यूपी सरकार के मंत्री का बयान:-
यूपी सरकार के मंत्री अनिल कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा हिंदी भाषा का विरोध करने पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि इंडी गठबंधन के प्रमुख नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव इस पर चुप क्यों हैं? मंत्री ने उत्तर प्रदेश की जनता से हिंदी भाषा, संस्कृति और सम्मान की रक्षा के लिए आरएलडी के साथ आने की अपील की।
तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन का हिंदी पर बयान:-
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर हिंदी भाषा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हिंदी ने कई भारतीय भाषाओं को कमजोर कर दिया है। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली, अवधी, ब्रज, बुंदेली, गढ़वाली, कुमाऊंनी, मगही, मारवाड़ी, मालवी, छत्तीसगढ़ी, संथाली और अन्य भाषाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये भाषाएं अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं। स्टालिन ने आरोप लगाया कि हिंदी को बढ़ावा देने के नाम पर स्थानीय भाषाओं को खत्म किया जा रहा है और यूपी व बिहार की मूल भाषाओं को भुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु इस तरह हिंदी थोपने के विरोध में है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर केंद्र और तमिलनाडु के बीच टकराव:-
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बीच विवाद जारी है। स्टालिन ने तमिलनाडु में एनईपी लागू करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जताई। स्टालिन ने केंद्र सरकार पर जबरन हिंदी थोपने का आरोप भी लगाया।