उत्तराखंड के माणा गांव में शुक्रवार (28 फरवरी) दोपहर को ग्लेशियर धंसने से 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की कई टुकड़ियां मौके पर जुटी हुई हैं। अब तक 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। आईटीबीपी और गढ़वाल राइफल्स की टीम मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, माणा क्षेत्र में लगातार भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे जोशीमठ और माणा के बीच सड़क को साफ करने का कार्य भी जारी है। घटनास्थल पर अतिरिक्त चिकित्सकों की टीम भेजी गई है ताकि घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता दी जा सके। बतादें, माणा गांव के पास जीआरईएफ कैंप में हिमस्खलन हुआ, जिसमें कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। भारतीय सेना की आईबेक्स ब्रिगेड खराब मौसम के बावजूद लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है। मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। भारी बर्फबारी के चलते हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं, जिससे बचाव कार्य धीमा हो गया है।
आपातकालीन केंद्र ने उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और एवलांच को लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने भूस्खलन की संभावना भी जताई है। एसडीआरएफ ड्रोन की मदद से बचाव कार्य चला रही है, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण ड्रोन ऑपरेशन में भी कठिनाइयां आ रही हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की अन्य टीमें घटनास्थल की ओर रवाना हो चुकी हैं। आईटीबीपी, बीआरओ और अन्य बचाव दल राहत कार्य में लगे हुए हैं। बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
