लखनऊ। जाको राखे साइयां मार सके ना कोई. ऐसा ही हुआ एक युवक के साथ जब बाइक और बैलगाड़ी की टक्कर में युवक के सीने में बैलगाड़ी से निकली हुई लकड़ी सीने को चीरती हुई आर-पार हो गई। हादसे के बाद 18 वर्षीय शिवम की सांसे चल रही थी और शिवम को आनन-फानन में सागर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां करीब 5 घंटे ऑपरेशन के बाद चार डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन कर शिवम की जान बचा ली और अब शिवम पूरी तरह सुरक्षित है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के सागर जिले के देवरी मानेगांव के निवासी 18 वर्षीय शिवम राजपूत सड़क हादसे का शिकार हो गया था। शिवम की बाइक एक बैलगाड़ी से टकरा गई थी। हादसे में बैलगाड़ी गाड़ी की लकड़ी शिवम के सीने से आर-पार हो गई। हादसे में शिवम का एक फेफड़ा फट गया था, लेकिन गनीमत यह रही कि दिल पूरी तरह सुरक्षित था। हादसे में बैलगाड़ी पर शिवम फंसा रहा। शिवम की सांसे चल रही थी, जिसके बाद उसे केसली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद शिवम को निजी अस्पताल सागर रेफर किया गया। जहां चार डॉक्टरों की टीम ने 5 घंटे ऑपरेशन के बाद शिवम की जान बचा ली और वह पूरी तरह सुरक्षित है।
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हादसे के बाद शिवम ने बताया कि मामा के यहां जा रहे थे, तभी हादसा हो गया था। उसका 8 दिन तक इलाज चला। डॉ.मनीष राय ने बताया शिवम राजपूत नाम का मरीज गंभीर अवस्था में अस्पताल में आया था, जिसमें दुर्घटना बस बैलगाड़ी की 3 से 4 फीट मोटी लंबी लकड़ी के फेफडे़ के अंदर चली गई. यह केस बहुत ही चुनौतीपूर्ण था, जिसको हमारी अस्पताल की टीम 4 डॉक्टरर्स की टीम ने ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन में लकड़ी को बाहर निकाला गया। मरीज वेंटिलेटर से बाहर आ चुका है और धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है।https://gknewslive.com