Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को अपना दल (कमेरावादी) की वरिष्ठ नेता और विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पूर्व केंद्रीय मंत्री और दलित सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित आवास पर हुए हमले और हिंसा के खिलाफ किया गया। पल्लवी पटेल ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए घटना की कड़ी निंदा की।

विधानसभा की ओर बढ़ने का प्रयास, पुलिस ने लिया हिरासत में
प्रदर्शन के दौरान डॉ. पल्लवी पटेल पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ परिवर्तन चौक स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पहुंचीं और वहां विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इसके बाद प्रदर्शनकारी जुलूस निकालते हुए विधानसभा की ओर बढ़ने लगे। हालांकि, विधानसभा के पास स्थित मेट्रो स्टेशन पर भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए डॉ. पल्लवी पटेल समेत करीब 200 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

लोकतंत्र पर हमला और कानून व्यवस्था पर सवाल
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पल्लवी पटेल ने कहा कि किसी व्यक्ति के बयान का विरोध हिंसा या हमला करके नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि दलित सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर हमला और तोड़फोड़ लोकतांत्रिक मूल्यों पर गहरी चोट है और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए।

दोषियों पर रासुका की मांग
डॉ. पल्लवी पटेल ने कहा कि इतिहासकारों ने अलग-अलग विषयों को विभिन्न दृष्टिकोणों से लिखा है। सहमति और असहमति का सम्मान लोकतंत्र की बुनियाद है। लेकिन, इस असहमति के नाम पर किसी सांसद के घर पर हमला करना न केवल गलत है, बल्कि गंभीर अपराध भी है। उन्होंने हमले के दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की मांग की और करणी सेना पर प्रतिबंध लगाने की भी अपील की।

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