नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में बुधवार को केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल पेश करने जा रही है। इस बिल को लेकर सियासी गलियारों में भारी हलचल मची हुई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है, वहीं सड़कों पर भी विरोध प्रदर्शन जारी है।
अखिलेश यादव का BJP पर निशाना समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने इस बिल को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा, “भाजपा का इतिहास जिस तरह के फैसलों से भरा है, उससे जो परिणाम भाजपा चाहती थी, वह नहीं आए। भाजपा का हर फैसला वोट के लिए होता है। समाजवादी पार्टी वक्फ बिल के खिलाफ है। भाजपा पूरा नियंत्रण अपने पास रखना चाहती है।” अखिलेश ने आगे कहा कि भाजपा हमेशा हस्तक्षेप करना चाहती है और हर चीज पर अपना नियंत्रण चाहती है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “भाजपा विपक्ष पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाती है, लेकिन क्या ईद पर किट बांटना भाजपा का तुष्टीकरण नहीं है?”
सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने वक्फ बिल को लेकर विपक्ष एकजुट होता दिख रहा है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल पर अपनी आपत्ति जताई है। वहीं, भाजपा का कहना है कि यह बिल पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए लाया जा रहा है। इस बीच, संसद के बाहर और देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। कई मुस्लिम संगठनों ने भी इस बिल पर नाराजगी जताई है और इसे समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताया है।