लखनऊ: बच्चों को चरित्रवान बनने की शिक्षा देने वाले वर्तमान के पूरे सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 30 जून 2021 को भक्तों को संदेश दिया कि देखो प्रेमियों! धन के लालच में लोग फंस रहे हैं। लड़कों और लड़कियों को बिगाड़ने की बात आपको नहीं पता। आप देखते नहीं हो कि मोबाइल देख रहा है या लड़के और लड़कियों के साथ में घूम रहा है या आता भी है तो जल्दी-जल्दी घर के काम में आपकी मदद करने लग गया तो आप खुश हो गए। आपको नहीं पता है कि हमारी लड़की कहां थी, हमारा लड़का कहां था। इसी लालच में कि यह बड़े आदमियों के साथ रहा, काम सीख जाएगा, ऐसा हो जाएगा, वैसा हो जाएगा तो बिगड़ जाएंगे बच्चे। इस वक्त पर गलत लोग बहुत मिल रहे हैं, चाहे आदमी हो, चाहे लड़के हो। गलत आदमी भी मिल जाते हैं, बच्चे और बच्चियों को खराब कर देते हैं। ऐसा काम उनके साथ कर बैठते हैं वह कह भी नहीं पाते और उनकी आदत फिर खराब हो जाती है।

प्रेमियों! पहले आप अपने बच्चे और बच्चियों को सुधारो तब आपका प्रभाव लोगों पर पड़ेगा

महाराज जी ने कहा कि मैं साफ कहता हूं कि जिससे आप भी टेंशन में न रहा हो। आप याद करो तो उस मालिक को भी तकलीफ न हो। हमारे पास खबर आवे तो हमको भी तकलीफ न हो। इसलिए प्रेमियों हम आपके सामने बताना उचित समझ रहे हैं। आप इस बात को लोगों को बताओ। बताने के लिए ही लोगों को आपको बता रहा हूं, नहीं तो आगे की जनरेशन, आगे की पीढ़ी, आपको अच्छा नहीं मिल पाएगा, खराब हो जाएंगे। देखो प्रेमियों! पहले तो आप अपने बच्चे-बच्चियों को सुधारो, ध्यान दो, फिर उसका प्रभाव और लोगों पर तब पड़ेगा। आप कितना भी भाषण दो, कितना भी दूसरे के बच्चों को समझाओगे, अपने घर को नहीं संभाल पाओगे तो कैसे उसका प्रभाव पड़ेगा।

प्रेमियों सब लोग अपनी औकात भर कोशिश करो कि आने वाली पीढ़ी न होने पावे ख़राब

प्रेमियों आप सब लोग पूरी कोशिश करो, अपने औकात भर, तुम कोशिश करो कि आपकी जो आने वाली पीढ़ी है, खराब न होने पावे। यह अच्छे बन जाए, नेक बन जाए। यह देश और समाज के लिए कुछ कर सकें क्योंकि व्यसन होता है, बुराइयां होती हैं, वह आदमी को आगे नहीं बढ़ने देती हैं, उसके विकास में बाधा डाल देती हैं। व्यसन नई उम्र में ज्यादा आती हैं। किसी चीज का हो, चाहे गोली खाने का, नशे का हो, चाहे शराब पीने का हो, चाहे जीव हत्या का हो, चाहे चोरी का हो, चाहे डकैती का हो, व्यसन जब आ जाता है उसी में आगे बढ़ने की उसकी इच्छा बढ़ती चली जाती है। उसी में चोर हो गया, कोई चोर से डकैत हो जाता है। डकैतों में नाम कमाने के लिए जैसे 10 लाख इनाम है, इसके ऊपर 50 लाख का इनाम है। उसी में वह अपराध पर अपराध करता चला जाता है और सोचता है समाज में हम आगे रहे, हमारा नाम रहे। इसी में अपराध करता चला जाता है, इसी में और रंग जाता है।

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