लखनऊ। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। एकादशी के दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व होता है। देवशयनी एकादशी से चार माह तक भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। इस समय को चार्तुमास भी कहा जाता है। भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से विश्राम करते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का विश्राम पूरा हो जाता है। देवउठनी एकादशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ती है।
चार माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य
भगवान विष्णु के विश्राम करने के बाद चार माह तक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस दौरान भगवान की पूजा- अर्चना सब होती है बस मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। मांगलिक कार्यों की शुरुआत भगवान विष्णु का विश्राम पूरा होने के बाद ही होती है।
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देवशयनी एकादशी के दिन इन शुभ मुहूर्तों में करें भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना
ब्रह्म मुहूर्त- 04:14 ए एम से 04:55 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:55 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:45 पी एम से 03:39 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:05 पी एम से 07:29 पी एम
अमृत काल- 10:58 ए एम से 12:27 पी एमhttp://GKNEWSLIVE.COM