लखनऊ। यूपी में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है। एंबुलेंस कर्मी राजधानी लखनऊ के वृंदावन इलाके में सेवा प्रदाता कंपनी के खिलाफ हड़ताल पर हैं। दूसरी तरफ हड़ताली एंबुलेंस कर्मचारियों के खिलाफ योगी सरकार का रुख सख्त हो गया है। हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई अब शुरू हो गई है। सरकार की सख्ती के बाद सेवा प्रदाता कंपनी ने बर्खास्तगी की कार्यवाही शुरू कर दी है। सेवा प्रदाता कंपनी ने 3000 हजार एंबुलेंस कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। नौकरी से निकाले जाने के विरोध में गुस्साए एंबुलेंस कर्मियों ने सभी एंबुलेंस के पहिए जाम कर दिए हैं। मामले में 11 एंबुलेंसकर्मियों पर FIR भी दर्ज कराई गई है।
एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के नेता सुनील सचान ने कहा है, “एंबुलेंसकर्मियों ने इमरजेंसी चालू करने पर सहमति दी है। राजधानी लखनऊ में 11 इमरजेंसी एंबुलेंस ड्यूटी पर लगाई गई। हम शौक में हड़ताल नहीं कर रहे हैं। हम भी नहीं चाहते हैं कि आम आदमी का जीवन पर संकट आए। इमरजेंसी के लिए हम लोगों ने सर्विस जारी रखी है। जिस कंपनी को ALS का ठेका मिला है, वह हमें नौकरियों से निकाल रहे हैं। आखिर हम क्या करें? हमारे पास हड़ताल के सिवा कोई रास्ता नहीं है।” हड़ताली नेता ने कहा कि हमें नौकरी की गारंटी दी जाए, हम काम को तैयार हैं। हम सिर्फ रोजगार और नौकरी मांग रहे हैं। हमें सिर्फ 13 हज़ार तनख्वाह मिलती है। हम उसमें भी काम करने को तैयार हैं। 10 साल नौकरी करने के बाद भी ठेका लेने वाली नई कंपनी हमें नौकरी से निकाल रही है। कोरोना काल में सरकार ने हमें योद्धा कहा और अब नौकरियों से निकाल रहे हैं।
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आखिर क्या है मामला?
बकाया मानदेय देने और नए कर्मचारी न रखने की मांग को लेकर एएलएस एंबुलेंस के कर्मचारियों के समर्थन में 108 व 102 सेवा को ठप किया गया है। सेवा ठप होने से प्रदेश भर में करीब ढाई हजार से अधिक एंबुलेंस खड़ी हो गई हैं और 10 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं। दरअसल एंबुलेंस की एएलएस सेवा नई कंपनी “जिगित्सा” को नया ठेका मिला है। यह कंपनी नए सिरे से भर्ती कर रही है, जिसके कारण पहले से कार्यरत कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं।एंबुलेंसकर्मियों से कई दौर की बातचीत के बाद भी समझौता नहीं होने पर एएलएस एंबुलेंस कर्मचारियों के समर्थन में 102 और 108 एंबुलेंसकर्मियों ने ये हड़ताल की है। बता दें उत्तर प्रदेश में कुल 3 तरह की एंबुलेंस सेवा फिलहाल संचालित होती हैं। जिसमें ALS एम्बुलेंस (अत्याधुनिक), 108 और 102 शामिल हैं। एएलएस एंबुलेंस का ठेका दूसरी कंपनी को गया है और वह कर्मचारियों की छटनी कर रही है। उन्हीं के समर्थन में 102 और 108 के एंबुलेंस कर्मी बैठे हैं। अब 102 और 108 की सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके उनको नौकरियों से निकाल रही है।
समाजवादी पार्टी ने सरकार पर लगाए आरोप
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता डॉ अनुराग भदौरिया ने एंबुलेंस हड़ताल मामले पर कहा है कि सरकार इस पूरे मामले में गंभीरता से कदम उठाए क्योंकि आम जनता की जिंदगियों से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंसकर्मियों की मांगों पर सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करें और पूरे मामले को जल्द हल करें।https://gknewslive.com