जो जीवन का समय बचा है, इसी में अपने कर्मों को काट लो: उमाकान्त जी महाराज
धर्म कर्म: इस कलयुग में प्रभु से साक्षात तदरूप, अपने भक्तों के साथ-साथ उनसे जुड़े सब लोगों की भी चिंता फिक्र करने वाले, कुछ बुराईयों को छोड़ने पर रक्षक, दाता…
धर्म कर्म: इस कलयुग में प्रभु से साक्षात तदरूप, अपने भक्तों के साथ-साथ उनसे जुड़े सब लोगों की भी चिंता फिक्र करने वाले, कुछ बुराईयों को छोड़ने पर रक्षक, दाता…
धर्म कर्म: इस सृष्टि के नीचे से उपर तक के सारे भेद और बारीकियां जानने वाले, घर-गृहस्थी को भी सेट करने और साथ ही आत्म कल्याण के उपाय बताने वाले…
धर्म कर्म: पिछले युगों की तुलना में कलयुग में हर तरह से कमजोर मनुष्य को भवसागर पार करने के लिए पिछली कठोर साधनाओं को खारिज कर अब सबके करने लायक…
धर्म कर्म: जिनकी ताकत का लेशमात्र भी आभास दुनिया वालों को नहीं है, यदि चमत्कार अनुभव करना है तो जिनके बताये सरल उपाय एक बार अजमा कर देख लो, ऐसे…