लखनऊ। बसपा सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के बाहर अपने एक साथी के साथ आत्मदाह का प्रयास किया। आत्मदाह का प्रयास करने से पहले फेसबुक लाइव भी किया था। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें युवती ने वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी रहे अमित पाठक, तत्कालीन सीओ भेलुपुर अमरेश सिंह बघेल, दरोगा संजय राय समेत एक न्यायाधीश पर भी सांसद को बचाने और उसे परेशान करने का आरोप लगाया। इधर यूपी सरकार ने मामले की गम्भीरता को देखते हुये दो सदस्यीय संयुक्त टीम गठित कर दी है। इसमें आईपीएस आर.के. विश्वकर्मा और आईपीएस नीरा रावत को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये टीम मामले के हर पहलू की जांच करेगी। टीम इस मामले से जुड़ी सभी एफआईआर और सभी एप्लिकेशन की जांच करेगी। ये टीम दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

इस घटना से पहले 2 अगस्त को वाराणसी की सीजेएम कोर्ट ने लड़की के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। युवती पर आरोप लगाया गया है कि उसने दो अलग-अलग मुकदमों में अपनी उम्र अलग-अलग दर्ज कराई है। इस मामले में कैंट थाने की पुलिस को युवती की तलाश थी, जबकि दूसरी ओर गैर जमानती वारंट जारी होने से कुछ दिन पहले सांसद अतुल राय की बहन, पिता और वकील ने प्रेस कांफ्रेंस करके पुलिस पर ही सवाल खड़े किए थे।

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 ये है पूरा मामला
बीते लोकसभा चुनाव से ऐन पहले एक मई 2019 को युवती ने लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। 22 जून 2019 को सांसद अतुल राय ने वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इस मामले में अतुल राय प्रयागराज जिले के केंद्रीय कारागार नैनी में बंद हैं। युवती और उसके दोस्त ने फेसबुक लाइव के जरिए आरोप लगाया है कि सभी मिलकर उसे ही चरित्रहीन साबित और सांसद अतुल राय को बचाने की कोशिश में लगे हैं।https://gknewslive.com

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