लखनऊ। सुजीत पांडेय हत्याकांड का राजधानी पुलिस ने राजफाश किया है। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक मुठभेड़ में दो बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं। जिसमें मोहनलालगंज के इंद्रजीतखेड़ा के पूर्व प्रधान सुजीत पांडेय की हत्या में शामिल दो बदमाश घायल हो गये। इन्हीं बदमाशों ने एक साल पहले प्रॉपर्टी डीलर अशोक यादव की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या की थी। पुलिस ने इन हत्याओं के संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं एक की तलाश जारी है। इसमें यशोधरा बिल्डर के मालिक मधुकर सिंह यादव व उसके तीन भाइयों ने इन दोनों हत्याओं की साजिश रची थी।

बता दें मृतक सुजीत पांडे के बेटे की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर इस हत्याकांड का खुलासा करने में जुट गई। पुलिस ने संपत्ति से लेकर सामाजिक सरोकार के कई बिंदुओं पर पड़ताल की। इस दौरान पुलिस को दो महत्वपूर्ण बिंदु पर अहम सुराग हाथ लगे। इस हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने 85 लोगों को हिरासत में लिया। जिनमें प्रधान व पूर्व प्रधान सहित कई राजनैतिक दल के कार्यकर्ता भी शामिल थे। वहीं कुछ प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोमवार देर रात को पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे। इसके बाद पुलिस ने कुछ कड़ियां जोड़कर कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जिसमें हत्या से संबंधित कई राज सामने आ गये। हत्यारोपियों में शामिल शूटर और साजिशकर्ताओं ने आपस में बातचीत करने के लिए नए मोबाइल और सिम का बंदोबस्त भी किया था।

यह भी पढ़ें: लखनऊ: किरणाजय जनसेवा समिति की ओर से जरूरतमंदों को बांटे गए कंबल

पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक, मंगलवार रात करीब 11 बजे पुलिस नटवाडीह बिजनौर रोड पर वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान बिजनौर होते हुए सरोजनीनगर की तरफ जा रहे दो बाइक सवार बदमाशों ने पुलिस को देखकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने दोनों को रोकने की कोशिश की तो फायरिंग कर दी। प्रभारी निरीक्षक केशव कुमार तिवारी व उसकी टीम ने बदमाशों पर जबावी फायरिंग की। जिसमें बंथरा के माती का रहने वाला अरुण यादव उर्फ छोटू और मवई मोहनलालगंज का मुलायम घायल हो गया। दोनों बदमाशों को पैर में गोली लगी थी। वहीं इस मामले में एक अन्य शूटर जितेंद्र की तलाश की जा रही है। पुलिस ने इन शूटरों पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था

साजिशकर्ता हत्या के पहले भाइयों संग चला था गया था जेल
एडीसीपी दक्षिण सुरेश चंद्र रावत के मुताबिक व्यापारी नेता की हत्या में शामिल मुख्य साजिशकर्ता मधुकर सिंह यादव प्रॉपर्टी का कारोबार करता है। वह यशोधरा नाम की कंपनी चलाता है। इसी के नाम पर कारोबार करता है। पुलिस के मुताबिक मधुकर ने पूर्व प्रधान सुजीत पांडेय और प्रॉपर्टी डीलर अशोक यादव की हत्या की साजिश रची थी। इसमें उसके दो भाई राम अचल यादव उर्फ पुष्कर और मधुरेंद्र सिंह यादव उर्फ हिंकर यादव भी शामिल थे। दोनों की हत्याओं के लिए मधुकर ने सुपारी दी थी।

पुलिस ने दोनों हत्याकांड का खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक साजिश करने वाले मधुकर यादव की राजनैतिक पृष्ठभूमि भी है। वह नए परिसिमिन के बाद नगर पंचायत बनाने के साथ ही चेयरमैन की चुनाव की तैयारी कर रहा था। इसमें सबसे बड़ा रोड़ा सुजीत पांडैेय थै।इस हत्याकांड की आंच न आये इसके लिए साजिशन वह तेल चोरी के आरोपी में हत्याकांड के ठीक तीन दिन पहले भाइयों संग जेल चला गया था।खाद्य विभाग ने उसकी फैक्ट्री पर छापा डालकर भारी मात्रा में तेल बरामद किया था। जो चोरी हो गया। इसी के मुकदमें में जेल गया था। उसने जेल में भी हत्यारों से मुलाकात कर वारदात की तारीख व जगह तय की थी। मुठभेड़ में एसीपी कैंट डॉ. बीनू सिंह, आशियाना प्रभारी निरीक्षक केशव कुमार तिवारी, एसआई अनूप सिंह, कांस्टेबल फरीद, सगीर, प्रदीप, मनीष, राहुल व कुदरत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पुलिस के मुताबिक, खुद को मधुकर जौनपुर के एक माफिया का करीबी बताता था। उसी की वीआईपी नंबर की गाड़ियों को खरीदकर चलता था। मधुकर का पूर्व मुख्यमंत्री के निजी सचिव से काफी करीबी नाता था। इसी दम पर वह जमीनों पर अवैध कब्जा करता था। सपा सरकार में माफिया के नंबर की गाड़ी से स्कूल जाती छात्रा से छेड़खानी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर गौतमपल्ली थाने से मधुकर का भाई हिंकर यादव जेल भेजा था। उस वक्त गाड़ी से कई अवैध असलहे भी बरामद हुए थे। लेकिन सरकार में मजबूत दखल होने के कारण पुलिस कार्यवाही से पीछे हट गई।

इलाके में कई दिन रूककर की थी रेकी
पुलिस सूत्र की माने तो शूटरो को कई दिनों से ही इलाके में रखा गया था। जिनके ऐश के लिए सभी संसाधन भी जुटाए जा रहें थे। भाडे के शूटर इलाके के रहकर रैकी कर रहें थे। सुजीत पाण्डेय की हर गतिविधियों पर नजर बनाएं हुए थे। इनके आने जाने के समयएरास्ते व स्थानों पर शूटर नजरें गडाए हुए थे। सुजीत पांडेय की हत्या के साजिश रचने वालों ने अपनी प्लानिंग को बहुत ही शातिराना तरीके से अंजाम तक पहुंचाया। जिस तरह पुलिस से साजिशकर्ता गेम खेल रहें तो पुलिस ने भी एक गेम खेलकर साजिशकर्ता को भटका दिया। पुलिस ने सुजीत पांडेय के राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वीयों से बारी बारी थाने बुलाकर पूछताछ की और पुलिस ने दिखावा किया कि पुलिस की सुई सुजीत पांडेय के राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वीयो पर ही टिकी है। लेकिन पुलिस ने दूसरी ओर भी कसरत जारी रखी और पुख्ता सबूत मिलत ही हत्या के साजिशकर्ताओ को पुलिस ने बेनकाब कर दिया।https://gknewslive.com

 

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *