लखनऊ। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने आप को फिट और बीमारियों से दूर रखने के लिए रेग्युलर एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। आपने फिजिकल एक्टिविटी के अनगिनत फायदे सुने होंगे। कई डॉक्टर बीमारियों के इलाज तक में एक्सरसाइज को जरूरी मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्सरसाइज भी एक ऐसी दवा है जिसके ओवरडोज से आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है? लेकिन कई लोग ये नहीं समझते हैं, वो फिटनेस के नाम पर जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज कर लेते हैं, जिसका साइड इफेक्ट होना लाजमी है। इसलिए जरूरी है कि एक्सरसाइज करते समय अलर्ट और सावधान रहें।

एक नई स्टडी में बताया गया है कि एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी से धमनियों में कैल्शियम का जमाव (डिपोजिशन) तेज भी हो सकता है। जिसकी वजह से हार्ट डिजीज (कार्डियोवस्कुलर डिजीज- CVD) का रिस्क बढ़ सकता है। हालांकि स्टडी में ये भी बताया गया है कि रेगुलर एक्सरसाइज से डायबिटीज, हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी बीमारियों में फायदा भी होता है। साउथ कोरिया में सुंगक्यूंकवान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन और अमेरिका के मेरीलैंड में जॉन्स हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के रिसर्चर्स की एक इंटरनेशनल टीम के अनुसार, ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी की स्थिति में मैकेनिकल प्रेशर और रक्त वाहिकओं की दीवार को होने वाले जख्म व फिजियोलॉजिकल रिस्पॉन्स के कारण कोरोनरी एथरोस्क्लरोसिस (धमनियों का सिकुड़ना) भी हो सकता है।

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पैराथाइराइड हार्मोन का बढ़ना
इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने के साथ ही पैराथाइराइड हार्मोन का लेवल भी बढ़ जाता है. पैराथाइराइड हार्मोन को पैराथार्मोन या पैराथाइरिन भी कहते हैं, ये पैराथाइराइड ग्रंथि से स्त्रावित होता है और हड्डी, किडनी व आंत में सीरम कैल्शियम की सांर्द्रता को नियंत्रित करता है। एक्सरसाइज का दूसरा आयाम ये भी है कि कार्डियोवस्कुलर डिजीज का रिस्क बढ़ाए बगैर ही सीएसी (कोरोनरी आर्टरी कैल्शियम) स्कोर बढ़ जाए. बता दें कि सीएसी का इस्तेमाल हार्टअटैक या स्ट्रोक के इलाज में एक गाइड के रूप में होता है। फिजिकल फिटनेस डाइट, विटामिंस और मिनरल्स के असर में सुधार लाती है।https://gknewslive.com

 

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