लखनऊ। प्रत्येक वर्ष 9 मार्च को ‘पैनिक डे मनाया जाता है। पैनिक डे लोगों को उनके जीवन में व्याप्त डर, तनावों को कम करने के प्रति जागरूरक करने का दिवस है। दहशत या डर एक बहुत ही अप्रिय भावना है। यह हमें दुखी, कठिन और भयावह परिणाम का अनुभव कराती है। क्या आपको अचानक डर, एंग्जायटी महसूस होने लगती है, तो हो सकता है आप पैनिट अटैक से ग्रस्त हों. पैनिक अटैक मानसिक सेहत से संबंधित एक समस्या है, जिसमें व्यक्ति को अचानक डर, घबराहट, चिंता महसूस होने लगती है। जाने क्या होते है इसके करण और उपाय, हम आपको बताते है।
पैनिट अटैक के लक्षण
न्यूरोट्रांसमीटर में पैनिक अटैक के लिए सेरोटोनिन मुख्य रूप से शामिल होता है। पैनिक अटैक के शारीरिक लक्षण नोरेपिनेफ्रिन और एड्रेनलाइन द्वारा निर्मित होते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार नजर आ सकते हैं।
दिल जोर-जोर से धड़कना
सांस लेने में दिक्कत महसूस होना
घबराहट होना
हाथ-पैरों में कंपन महसूस होना
चक्कर आना
उल्टी जैसा मन करना
हाथ-पैर सुन्न पड़ जाना
पूरे शरीर में पसीना आना
पैनिक अटैक का कारण
पैनिक अटैक का इलाज
इसके इलाज में सेरोटोनिन केमिकल को स्थिर करना शामिल है। इसका इलाज 3 से 6 महीने तक चलता है। साइकोथेरेपी के जरिए भी इलाज किया जाता है। दवाओं के साथ साइकोथेरेपी देने से जल्दी फायदा नजर आता है। साथ ही पैनिट अटैक का उपचार एंटीडिप्रेजेंट्स और एंटी-एंग्जायटी दवाओं के जरिए भी किया जाता है, जो समय के साथ न्यूरोट्रांसमीटर को स्थिर करता है। इससे धीरे-धीरे पैनिट अटैक की समस्या दूर हो जाती है।