लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के चुनाव के बाद अब एमएलसी के चुनाव को सियासी दलों के बीच हलचल तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान ही पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने परिवार से विद्रोह कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि बीजेपी के लिए जोर शोर से परिवार के खिलाफ प्रचार करने वाली अपर्णा को बीजेपी एमएलसी जरूर बनाएगी लेकिन लिस्ट आने के बाद ये टिकट की उम्मीदें धरी की धरीं रह गईं।
अपर्णा ने परिवार से विद्रोह कर थाम था बीजेपी का दामन
उत्तर प्रदेश में लगभग 3 महीने पहले ही विधानसभा चुनाव हुक था जिसमे बीजेपी को शानदार सफलता मिली थी। उस समय समाजवादी पार्टी और अन्य दलों के काफी नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा था लेकिन उसमें सबसे बड़ा नाम अपर्णा यादव का ही था। अपर्णा के बीजेपी में आने से एक माहौल बना जिसका लाभ भी बीजेपी को मिला था। अपर्णा ने तब बीजेपी में आस्था व्यक्त करते हुए कहा था कि बीजेपी जो भी जिम्मेदारी देगी उसका निर्वहन किया जाएगा। हालाकि बीजेपी ने अपर्णा को कोई बड़ी जिम्मेदारी देने की बजाय महिलाओं को लेकर चलाए जा रहे अभियान की जिम्मेदारी सौंपी थी।