लखनऊ: भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीते दिन मंगलवार को भाजपा नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। सत्ताधारी दल होने के चलते द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है। आपको बता दें कि एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू के नाम का आधिकारिक ऐलान भले बीते दिन 21 जून को हुआ हो, लेकिन www.newstrack.com के प्रधान संपादक और वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र ने 11 जून को ही अपना अनुभव साझा करते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की भावष्यवाणी की थी, जो सच साबित हो गई है।

द्रौपदी मुर्मू का जीवन बेहद ही मुश्किलों और उतार-चढ़ाव से भरा रहा। एक आदिवासी परिवार में जन्म लेने के चलते द्रौपदी मुर्मू को कई सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन विपरीत इसके उन्होनें सभी मुश्किलों को पछाड़ते हुए अपना एक अलग मुकाम हासिल किया। द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा राज्य के मयूरभंज जिले में एक आदिवासी परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो कि अपने पुस्तैनी परम्परा के अनुसार अपने गांव और समाज के मुखिया थे।

द्रौपदी मुर्मू ने श्याम चरण मुर्मू आए विवाद किया, जिनसे उन्हें दो बेटे और एक बेटी हुई। द्रौपदी मुर्मू के दोनों बेटों की मृत्यु हो गई और फिर समय के साथ उनके पति भी साथ छोडकर हमेशा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गए। यकीनन अपनी आंखों के सामने अपने पति और दो जवान बेटों को मरते हुए देखना और खुद पर भरोसा बनाए रखना बड़ी बात है। लेकिन द्रौपदी मुर्मू ने इस मुश्किल दौर से गुजरने के बाद हर नहीं मानी और अपना सफल राजनीतिक कैरियर गढ़ने में लगी रहीं।

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