पुरवा-उन्नाव : गत 38 वर्षों से असेहरू में हो रही रामलीला सामाजिक समरसता का पर्याय बन चुकी है यहां के कलाकारों,कार्यकर्ताओं एवं आयोजकों के मध्य राम और केवट जैसा मैत्रीपूर्ण वातावरण दिखता हैं। भीलनी शबरी के प्रति भी सबके ह्रदय में स्नेह बसता है। तीन दिन के आयोजन का लब्बोलुआब यही कि आज के दौर में जहां रामलीलाएं स्तरहीन प्रबंधन के चलते अस्तित्वहीन होती जा रहीं हैं, वहीं यहां की रामलीला के प्रति लोगों में अटूट प्रेम दिखाई पड़ता है।
कभी दो रुपये के चंदे से शुरू हुई थी :-
कभी मात्र दो दो रुपये इकठ्ठा कर शुरु की गई रामलीला ने अपनी 38 वर्ष की उम्र में कई आयाम स्थापित किये गांव के अख्खड़ स्व0 दयाशंकर लोधी की जिद पर रमेश चन्द्र पाण्डेय “मुन्ना” की अगुवाई में दो दो रुपये चंदा लेकर रामलीला शुरू हुई थी। बतातें चलें कि पाण्डेय का सम्पूर्ण परिवार आज भी संगीत के प्रति गहरी रुचि रखता है, कई कलाकार इसी परिवार ने दियें हैं आज भी रामलीला में इस परिवार की भूमिका अहम हैं। हलांकि पिछले डेढ़ दशक से रामलीला की जिम्मेदारी कभी दर्शक बन कर असेहरू गये हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय मंत्री विमल द्विवेदी व पत्रकार जयशंकर पाण्डेय संभाल रहें हैं। खास यह कि रामलीला में ज्यादातर संघ के स्वंय सेवक जिम्मेदारी निभाते हैं।
संघ के स्वंय सेवको के जिम्में है प्रबंधन :-
गौरतलब है कि पिछले 38 सालों में रामलीला का प्रदर्शन वास्तविकता से ओत प्रोत रहा है। कारणों में जाएं तो इसका नेतृत्व संघ के स्वयंसेवको के जिम्में है जिसमें से प्रमुख रूप से अवध प्रान्त के प्रचार प्रमुख डॉ0 अशोक दुबे का संरक्षण प्राप्त है। इसके अलावां कई नामचीन हस्तियां रामलीला समिति में शामिल हैं।जहां तक सामाजिक समरसता और मर्यादा का प्रश्न आज भी कलाकारों,कार्यकर्ताओं एवं आयोजकों में दिखता है।
मां शीतला देवी रामलीला समिति एवं प्रतिभा सम्मान समारोह के बैनर तले सम्पन्न रामलीला दसरथ प्रतिज्ञा से लेकर रावण वध तक हुयी तीन दिवसीय कार्यक्रम में जहाँ अंतरजनपदीय कलाकारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया वहीं ग्रामीण कलाकार भी अपनी कला का लोहा मनवाने में सफल रहे। आयोजन की सफलता में गांव के युवाओं का श्रम अविस्मरणीय है। अयोजको ने काशी विद्वत परिषद के सदस्य पँ0प्रेमकुमार दीक्षित,रिटायर्ड कमिश्नर व्यापार कर आदित्य कुमार त्रिपाठी,समाजसेवी/शिक्षिका सरला सिंह हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष अजय त्रिवेदी, संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुमन अवस्थी, अजय त्रिवेदी मौरावां, अमरेंद्र कुमार मिश्र “गुरु जी” डॉ0 अनुराग सिंह को सम्मानित किया गया।
अविस्मरणीय भूमिका निभाते हैं युवा :-
पुरवा।समाजिक समरसता का बेमिशाल उदाहरण प्रस्तुत करती असेहरू की रामलीला का जनपद में श्रेष्ठतम स्थान यूं ही नहीं मिला, यहाँ राम व हनुमान के अभिनय में आशीष अवस्थी,रमेश चन्द्र पाण्डेय हैं तो शबरी की भूमिका में गोवर्धन लोधी है विभीषण एवं जामवंत की भूमिका मोनू रावत व अरुण रावत निभातें हैं खास यह कि कलाकारों को गढ़ने की जिम्मेदारी जहाँ हरिचरन टेलर ने सँभाल रखी है वहीं साज सज्जा एवं आंतरिक प्रबंधन की जिम्मेदारी विजय शंकर पाण्डेय के जिम्मे है, अन्य युवाओं में प्रमोद, अंकुल, नोखेलाल, सुनीत, राजबाबू , कमलेश, नीरज, प्रिंशू, रामबाबू, श्याम बाबू, राजेन्द्र बाबू, सचिन राजपूत, अंकुश, रामशंकर, राजू, अमित चौधरी, सिद्धिनाथ, सुरेंद्र गोलू, रामबिष्णु, मिलटू, गंगाराम, रामकिशोर, चन्दन लाल, होरीलाल, रज्जनलाल आदि युवाओं की भूमिका की सराहना हो रही है।