लखनऊ (जीके न्यूज) : आशियाना इलाके में स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार को समाजशास्त्र विभाग की ओर से आज़ादी का अमृत महोत्सव लेक्चर सीरीज के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान की मुख्य वक्ता बीएचयू की प्रोफेसर श्वेता प्रसाद ने “मेथड्स ऑफ फेमिनिज्म इन्क्वारी” ( नारीवादी विषय पर अनुसंधान तकनीक) विषय पर अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़ी शोध के लिए हम सिर्फ गुणात्मक शोध विधियों को ही प्राथमिकता देते आये हैं। मगर इस क्षेत्र में अब कथात्मक पद्धति, मात्रात्मक पद्धति एवं नृवंशविज्ञान शोध पद्धति को भी अब प्रयोग किया जा रहा है।
उन्होंने शोध के लिए कथात्मक विधि को महिलाएं से संबंधित शोध के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े मुद्दे जैसे घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या आदि में महिलाओं से सीधे सवाल पूछने पर वास्तविक जानकारी नहीं मिल पाती। महिलाएं अपनी वास्तविक स्थिति को बताने से डरती हैं या संकोच करती हैं, जिससे उनके जवाब भी वास्तविकता को पूरी तरह नहीं व्यक्त करते। इस तरह की शोध में स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से जानकारी जुटाने की कथात्मक विधि काफी कारगर है। इससे हम महिलाओं के सही भाव समझ पाने में समर्थ होते है। व्याख्यान के समापन पर विभाग के शोधार्थियों ने महिलाओं से जुड़े शोध कार्य पर कई प्रश्न पूछे और उसके जवाब भी प्राप्त किये।
विभाग के अध्यक्ष प्रो0 जया श्रीवास्तव ने सभी का कार्यक्रम में स्वागक्त किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ अजय, डॉ बृजेश,विभाग के शोधार्थी, विद्यार्थी कार्यक्रम में मौजूद रहें ।