लखनऊ। वृंदावन के यमुना नदी के किनारे 16 फरवरी से लगने जा रहे मिनी कुंभ को लेकर तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बसंत पंचमी के दिन से मिनी कुंभ भव्य और दिव्यता के साथ आगाज किया जाएगा। इस मेले में साधु संत और श्रद्धालु यमुना नदी में स्नान करते नजर आएंगे। हरिद्वार कुंभ से पहले वैष्णव साधु संतों की बड़ी बैठक को मिनी कुम्भ के नाम से जाना जाता है। धर्म की नगरी वृंदावन देवराह बाबा समाधि स्थल के पास यमुना नदी के किनारे मिनी कुंभ को लेकर तैयारियां जोर शोर से की जा रही है। सिंचाई विभाग ने भूमि को समतल किए जाने का काम पूरा कर लिया है। वहीं बिजली विभाग कुंभ क्षेत्र में बिजली के पोल लगाने का काम कर रहा है।

साधु संतों के लिए नए घाट तैयार
मिनी कुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, साधु, संत स्नान करने के लिए वृंदावन पहुंचेंगे. सिंचाई विभाग ने यमुना नदी के किनारे चार कच्चे घाट और एक 125 मीटर लंबा पक्का घाट तैयार कर रहा है. इन घाटों पर साधु संत स्नान करते नजर आएंगे। देवराहा बाबा समाधि स्थल के पास एक पीपे का पुल भी बनाया गया है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु देवराहा बाबा समाधि स्थल तक दर्शन करने आसानी से पहुंच सके।

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16 फरवरी से मिनी कुम्भ प्रारंभ होगा
यमुना नदी के किनारे 16 फरवरी से मिनी कुंभ का आगाज होगा। बृज विदेही चतुर संप्रदाय के महंत रास बिहारी दास काठिया बाबा आश्रम से मिनी कुंभ के ध्वज को लेकर शोभायात्रा कस्बे में निकाली जाएगी। ध्वजा यमुना नदी के किनारे पहुंचकर साधु-संत भूमि पूजन करेंगे। हरिद्वार कुंभ से पहले साधु-संतों की बड़ी बैठक की गई। जिसे संत समागम कहा जाता है। यमुना नदी के किनारे साधु संत इसे मिनी कुंभ भी कहते हैं। हरिद्वार कुंभ से पहले वृंदावन यमुना नदी के किनारे कुंभ को लेकर विस्तृत चर्चा की जाती है. बड़ी संख्या में साधु संत एकजुट होते हैं।http://GKNEWSLIVE.COM’

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