लखनऊ : वन स्टाप सेंटर उत्तर प्रदेश में एक ऐसा माध्यम है जिससे महिलाओं की सारी परेशानियां एक जगह पर सुलझ रही हैं। वन स्टाप सेंटर प्रत्येक जिले में एक ऐसी जगह है, जिसके होने से किसी भी महिला को चिकित्सा, विधिक सहायता, मनो-सामाजिक काउंसिलिंग, शेल्टर के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है, ये सारी सुविधा उसे एक जगह पर मिल रही है। शहर में आली की तरफ से जेंडर बेस वाइलेंस पर आयोजित एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए आली संस्था की कार्यकारी निदेशक रेनू मिश्रा ने यह सारी बातें कही।

आली की ओर से जेन्डर आधारित हिंसा को रोकने के लिए UN Women की मदद से प्रदेश के 23 जनपदों में ‘वन स्टाप सेंटर’ खोला गया। जनपदों में यह कितना कारगर साबित हुआ इसका आंकलन करने और अध्ययन के निष्कर्षों को साझा करने के लिए ‘कंसल्टेशन’ का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों के पैनल द्वारा अनुशंसा पर विचार-मंथन एवं उत्तर प्रदेश में ‘वन स्टॉप सेंटर’ में प्रदान की जाने वाली सेवाओं की भूमिका, अनुभवों, चुनौतियों और सर्वोत्तम अभ्यासों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में अपूर्वा , नगीना, स्मृति सिंह, ज्योति समेत कई लोग मौजूद रहे।

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परिचर्चा को संबोधित करते हुए रेनू मिश्रा ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर से काफी सुविधाएं मिली है लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आली द्वारा अनुशंसा जारी की जाएंगी। एक बेहतर वन स्टाप सेंटर महिलाओं की न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करा सकता है। पैनल चर्चा के दौरान अनु सिंह ने कहा कि वो सरकार की तरफ से स्टाफ की भर्ती एवं प्रशिक्षण के लिए प्रयास करेंगी, मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स को भी जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, ताकि वो और प्रभावी ढ़ंग से कार्य कर सकें। इस चर्चा में डॉक्टर केडी मिश्रा,, डॉक्टर पवन गुप्ता, डॉ.नेहा अग्रवाल और आलिमा ने हिस्सा लिया।

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