लखनऊ: सपा सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में पारिवारिक विरासत बचाने के लिए अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा है। मैनपुरी हमेशा से यादव परिवार का गढ़ रहा है इसलिए इस बार सीट को बरकरार रखना सपा की सबसे बड़ी चुनौती है।नेता जी के निधन के बाद मैनपुरी उपचुनाव अखिलेश यादव के लिए पहली अग्नि परीक्षा है। इस साल फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने रामपुर और आजमगढ़ की सीट सपा से छीन ली थी।
चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं शिवपाल
दरअसल जून 2022 में, समाजवादी पार्टी रामपुर और आजमगढ़ संसदीय क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में हार गई, जिसे अखिलेश यादव का गढ़ माना जाता है। इस बार मैनपुरी में आगामी चुनाव के अखिलेश यादव चिंतित हैं कि उनके चाचा शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी की चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्रगति समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संस्थापक उनके बिछड़े हुए चाचा लंबे समय से दावा कर रहे हैं कि वह वास्तव में मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं।