लखनऊ : राजधानी में डेंगू की रफ्तार लगातार बेकाबू हैं। सोमवार को लखनऊ में डेंगू के 45 नए मामलें सामने आएं हैं। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन से निर्देश मिलने के बाद लखनऊ के राजनारायण लोकबंधु अस्पताल को कोविड की तर्ज पर डेडिकेटेड डेंगू अस्पताल बनाया गया हैं। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी को इसका नोडल अफसर बनाया गया हैं। यूपी के सभी जिलों में कोविड की तर्ज पर 17 नवंबर से डेडिकेटेड डेंगू अस्पताल शुरू हो जाएंगे। इन सभी अस्पतालों में फिजीशियन और बाल रोग चिकित्सक की तैनाती अनिवार्य होगी। जहां चिकित्सक नहीं हैं, वहां के लिए आसपास तैनात चिकित्सकों को संबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं।

हर अस्पताल पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। बेड की उपलब्धता, भर्ती व रेफर होने वाले मरीज और मरने वालों की रोज रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यहाँ 24 घंटे भर्ती से लेकर इलाज और जांच की सुविधा होगी। मरीजों को खून और प्लेटलेट्स केजीएमयू, बलरामपुर और सिविल अस्पताल से उपलब्ध होगा। शासन में सोमवार शाम हुई बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने डॉक्टरों की ड्यूटी से लेकर इलाज और जरूरी संसाधन जुटाने के निर्देश दिए। इसके अलावा सभी छात्रों को पूरी बांह की शर्ट एवं फुल पैंट पहनकर विद्यालय आने का निर्देश दिया गया है। कहा गया कि प्रतिदिन प्रार्थना सभा में संचारी रोगों के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाए।

मरीजों का रखें ख्याल : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विभागीय अफसरों को निर्देश देते हुए कहा कि, प्रदेश में देर तक बारिश होने की वजह से विभिन्न जिलों में डेंगू मरीज बढ़ने की संभावना है। ऐसे में सभी मंडलीय एवं जनपदीय चिकित्साधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षक जिलों में चिकित्सकीय व्यवस्थाएं और सुदृढ़ कर लें। डेडिकेटेड डेंगू अस्पताल की सभी तैयारी जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए। मरीजों का हर स्तर पर ख्याल रखा जाए।

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