लखनऊ : KGMU में दवाओं के घोटाले का खुलासा हुआ है। केजीएमयू के संविदा कर्मियों और दवा माफिया द्वारा अस्पताल में कम दाम में मिलने वाली दवाएं बाजार में मेडिकल स्टोर पर ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा था। मामले में एसटीएफ व खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में दवाएं बरामद की गई हैं। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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एसटीएफ अधिकारी ने बताया की, सूचना मिली थी कि केजीएमयू के अंदर स्थित दवा की दुकान से घोटाला कर वही दवाएं बाहर अधिक दाम में बेंचा जा रहा है। सुचना के आधार पर एफएसडीए ने छापेमारी कर रजनीश, नितिन वाजपेई व प्रियांशु मिश्रा को दवाओं में फेरा फेरी करते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। पूछताछ में रजनीश ने बताया कि वह केजीएमयू में रिवाल्विंग फंड फार्मेसी की दुकान पर सेल्समैन का काम करता है। फार्मेसी KGMU के मरीजों को 50-60 प्रतिशत छूट पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। रजनीश ने बताया की, वह लोग इन दवाओं पर लिखा- फॉर केजीएमयू, एचआरएफ ऑनली को फार्मेसी में ही मिटा देते थे। इसके बाद अपने साथियों की मदद से 30 प्रतिशत कमीशन पर ये दवाएं बाहर बेच देते थे।
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रजनीश ने बताया कि यह धंधा पिछले तीन-चार सालों से चल रहा है। ट्रामा सेंटर में फॉर्मेसी पर तैनात महेश प्रताप सिंह व अनूप मिश्रा, प्लास्टिक सर्जरी विभाग की फार्मेसी में तैनात देवेश मिश्रा, गांधी वार्ड में फार्मेसी पर तैनात उदय भान और प्रियांशु का बड़ा भाई सूरज मिश्रा भी यही काम करता है। अकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ कोतवाली चौक में मुकदमा दर्ज कराया गया है।