नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को अब 13वां दिन हो गया है। लेकिन अभी तक इस मुद्दे का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। सरकार के साथ बुधवार को होने वाली मीटिंग भी टल गई है। इसके पहले मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने भी किसान नेताओं के साथ एक मीटिंग बुलाई थी लेकिन वो भी बेनतीजा रही। किसान सख्ती से अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार के लिखित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद ही अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा। सरकार ने आज किसानों को एक प्रस्ताव भेजने की बात की थी। जिसपर किसान चर्चा करके फैसला लेंगे।
1.कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले हफ्ते भी किसानों से हुई बातचीत के बाद कहा था कि ‘सरकार में कोई ईगो का भाव नहीं है। ‘हम कानून में संशोधन करने को तैयार हैं, लेकिन हम कानून वापस नहीं लेंगे’ मंगलवार को उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों से सकारात्मक बातचीत कर रही है और वो आशावान हैं कि कोई हल निकलेगा।
2.किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर एक मीटिंग हो रही है। किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ‘हम मीटिंग में अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं और केंद्र के प्रस्ताव पर फैसला लेंगे। किसान वापस नहीं जाएंगे। ये उनके सम्मान का विषय है। क्या सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेगी? क्या निरंकुशता दिखाई जाएगी? अगर सरकार जिद्दी है तो किसान भी जिद्दी हैं? उन्हेें कानूनों को वापस लेना ही होगा।’
3.हालांकि, किसान नेता अपनी पिछली मीटिंग में सरकार को इन कानूनों में खामियों को लेकर 39 बिंदुओं का प्रेजेंटेशन दे चुके हैं। लेकिन सरकार भी अपने रुख पर अड़ी हुई है. केंद्रीय नेताओं के रुख में बदलाव आया है. एक तरफ तो वो रोज कृषि कानूनों के फायदे गिना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इस आधार पर विपक्ष पर हमले कर रहे हैं कि विपक्ष पहले इन कानूनों को खुद लाने की बात कर चुका है।
4.संभावना है कि 24 राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर सकते हैं। इस मंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, नेशनलिस्ट कांग्रेस चीफ शरद पवार, सीपीएम के सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा और टीआर बालू के होने की संभावना है।
5.सूत्रों ने बताया था कि केंद्र सरकार किसान नेताओं को अपने कानूनों में संशोधन के साथ लिखित में प्रस्ताव दे सकती है. संभावना है कि सरकार किसानों को MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस का भरोसा देगी कि वो इसे जारी रख रही है. सूत्रों ने बताया कि मंडी सिस्टम और APMC (Agricultural Produce Marketing Committee) कानून में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
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6.मंगलवार की शाम 7 बजे गृहमंत्री अमित शाह ने किसान संगठन के नेताओं को मुलाकात की थी, जिसमें कई राकेश टिकैत सहित कई बड़े किसान नेता शामिल हुए थे। हालांकि, यह बैठक भी बेनतीजा रही। किसानों की तरफ से मीटिंग के बाद आज की बातचीत को टालने का संकेत दिया गया।
7.गृहमंत्री से मीटिंग के बाद बाहर आए किसान नेताओं ने कहा था कि अब बुधवार को प्रस्तावित बैठक में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता। इन नेताओं ने कहा कि सरकार के लिखित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद ही अगले कदम पर निर्णय लिया जाएगा।
8.आज टिकरी बॉर्डर पर भी हरियाणा और पंजाब के किसान संगठन के नेताओं के बीच बड़ी बैठक होनी थी। जिसमें हरियाणा के उन किसान संगठनों पर चर्चा की जानी थी। जिन्होंने सरकार से मिलकर कृषि बिल के लिए धन्यवाद दिया था।
9.बैठक खत्म होने के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मुल्ला ने कहा कि बुधवार को सरकार और किसानों के बीच कोई बैठक नहीं होने जा रही। उन्होंने बताया कि सरकार ने कहा है बुधवार को किसान नेताओं को एक प्रस्ताव दिया जाएगा। जिसपर किसान नेता बैठक करेंगे।
10.जानकारी है कि कल की मीटिंग में भी वही सब हुआ, जो पिछली बातचीत में होता आ रहा है। बैठक में किसानों ने तीनों बिलों को रद्द करवाने की मांग दोहराई। वहीं, सरकार ने भी कानूनों में संशोधन करने का अपना प्रस्ताव दोहराया।