प्रयागराज: विश्व विख्यात निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, समस्त देवी-देवता जिनके आदेश की बाट जोहते रहते हैं, जिनसे मनुष्य शरीर दिलाने की प्रार्थना करते रहते हैं, मृत्युलोक, अंड-पिंड-ब्रह्मांड-ब्रह्मांड समेत समस्त देवीय लोकों के कुल मालिक, शक्ति असीमित है लेकिन काल भगवान के इस मृत्युलोक के नियमों का सम्मान करते हुए, मर्यादा में रहते हुए आदेश भी प्रार्थना के रूप में देने वाले, उज्जैन के परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने परेड़ मैदान प्रयागराज में शिवरात्रि कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रातः डीएव अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित समापन संदेश में बताया कि त्योंहारों पर लोग घर छोड़ कर सन्त के सतसंग में जाते सुनते मानते, मेहनत की कमाई से दान–पुण्य करते की जान-अनजान में बने कर्मों की सजा में राहत मिले। सभी अवतारों, महापुरुषों को कर्मों की सजा झेलनी पड़ी। केवल सन्त ही होते हैं जो परमार्थ करते हैं, दूसरों के कर्मों को अपने शरीर पर झेल कर तकलीफ उठाते हैं।

आज शिवरात्रि के दिन शंकरजी से और हमारे गुरु महाराज से यही प्रार्थना है, ये प्रेमी जो आए हैं, ये कोई खाली न लौटे। इस 3-4 दिन के कार्यक्रम में कम से कम तीन लाख आदमी आए हैं यहां। जो भी यहां इस धरती पर आए, आते-जाते भी थोड़ा देर समय दिया, जिनके अंदर थोड़ी भी अच्छी भावना रही, गुरु महाराज के प्रति, जयगुरुदेव नाम के प्रति और इस कार्यक्रम के प्रति, गुरु महाराज सबको फायदा दें, सब पर दया करें, शंकर जी सबको अपने तांडव नृत्य से बचावें। जो भी कार्यक्रम में आए, सुनकर के गए, घर से फिर भेजे, सबके लिए हमारी शुभकामना है। गुरु महाराज और शिवजी से प्रार्थना करता हूँ कि इनको आप इनके भाव भक्ति के अनुसार लाभ दीजिएगा।

सबसे बड़ा धर्म जीवों पर दया करना है। जातिवाद, एरियावाद, रंग भेद आदि से ऊपर उठ कर सब में प्रभू की अंश जीवात्मा को देखो, मानववाद लाओ। नहीं संभले तो नरकों में कर्मों के अनुसार सजा मिलेगी। अभी नरक का वर्णन कर दिया जाए तो पागल हो जाओगे, सारे नशे उतार जाएंगे।

गुरु आदेश में रहोगे, दीनता से रहोगे, जरूरत पड़ने पर माँगोगे तो गुरु भरपूर देंगे, कोई कमी नहीं होने देंगे। अपनी स्थिति देखो, गुरु महाराज से जुडने पर जीवन स्तर हर तरह से बेहतर हुआ या नहीं हुआ? लेकिन उन पर विश्वास न करके आप 99 के चक्कर में पड़े रहते हो। केवल गुरु पर निर्भर रहोगे तो वो अर्थ धर्म काम मोक्ष किसी चीज की कमी नहीं होने देंगे। जब लोग स्वार्थ में सन्त के जगाए हुए नाम को बदनाम करने लगते हैं तो दूसरे सन्त नया नाम जगा लेते हैं।

आप लोग नामदानी तो हो गए लेकिन सतसंगी नहीं बन पाए। गुरु आपकी कहाँ तक मदद करेंगे। जुबान पर कंट्रोल नहीं, कहीं का भी, कैसा भी खा लेते हो, चाहे बाजार की चीज हो, मांसाहारी दुकान हो, मांसाहारी के घर में पका हो। ध्यान दो, खान-पान, नियम-संयम से रहो। बाल बच्चों का लेना-देना है लेकिन सारा समय दुनिया में मत लगाओ, आत्मा के लिए भी कुछ करो।

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