EYE FLU: कई जिलों आई फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. आंख के बैक्टीरिया यानी कंजेक्टिवाइटिस नामक यह संक्रामक बीमारी महाकौशल संभाग के कई जिलों में तेजी से पैर पसार रही है. दमोह, सागर, टीकमगढ़, नरसिंहपुर,कटनी और जबलपुर से सैकड़ों की संख्या में इस बीमारी के मरीज सामने आए हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अब सक्रिय हो गया है और इससे बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है.

सभी सीएमएचओ को एडवाइजरी जारी करने के निर्देश
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को निर्देश देते हुए जनता के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नेत्र संक्रमण से बचाव करने के लिए आमजन में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए इसका प्रचार प्रसार किया जाये.

यह एडवाइजरी जारी की गई

1- अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ आवश्यक रूप से साफ़ पानी से धोएं.

2- संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवल, तकिया, रुमाल, आई ड्रॉप आदि घर के अन्य सदस्यों से दूर रखें.

3- स्विमिंग पूल, तालाब, पोखर आदि में नहाने से बचें.

4- कॉन्टेक्ट लेंस पहनना बंद करें, अपने नेत्र चिकित्सक की सलाह पर ही इसे फिर प्रयोग करें.

5- आंखों के सौन्दर्य प्रसाधनों यानी आई ब्यूटी प्रोडक्ट का प्रयोग करने से बचें.

6- यदि आंखों के पास किसी भी तरह का स्राव होता है तो उसे गर्म पानी में भिगोये साफ़ गीले कपडे से साफ़ करें. कपड़े को फिर से प्रयोग करने से पहले गर्म पानी से धो लें.

7- यदि आंखों में लालिमा हो यानी आंखें लाल हो रही हों तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अथवा नेत्र चिकित्सक को दिखाए, बिना उचित सलाह के कोई भी ड्रॉप आंख में नहीं डालें.

क्या होता है आई फ्लू या कंजेक्टिवाइटिस
जबलपुर के जाने माने नेत्र रोग विशेषज्ञ पवन स्थापक के अनुसार ‘गुलाबी आंख’ एक अत्यधिक संक्रामक स्थिति है, जो आँखों में लालिमा, खुजली और स्राव का कारण बनती है.उन्होंने कहा कि मानसून की आर्द्र और नम स्थितियां इन संक्रमणों के तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार वायरस या बैक्टीरिया के लिए एक आदर्श प्रजनन स्थल प्रदान करती हैं.

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