Copper Vessel Water: ताबें के बर्तन में पानी पीने का एक इतिहास है। जो कई सालों से चलता चला आ रहा है। कई बुर्जुग ताबें के बर्तन में ही खाना खाना पसंद करते हैं। कई लोग तो तांबे के बर्तन में पानी स्टोर करके भी रखते हैं। आखिर लोग तांबे के बर्तन में पानी स्टोर करके क्यों रखते हैं-क्योंकि इसमें कई हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं। इसमें पानी रखने से कई पोषक तत्व जुड़ जाते हैं। इस पानी में कॉपर अच्छे से मिक्स हो जाता है। जो मस्तिष्क और दिल के लिए भी ये काफी फायदेमंद होता है। अगर आप इसमें पानी स्टोर करके रखते हैं तो पानी में मौजूद बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं।
तांबे के पानी के फायदे?
तांबे के बर्तन का पानी शरीर को होने वाले कई तरह फायदों के लिए जाना जाता है। यह पाचन को बेहतर बनाने से लेकर हड्डियों को मज़बूती देने, थाइरॉइड ग्लैंड के बेहतर फंक्शन और स्किन की सेहत को बढ़ावा देने का काम करता है। यह आर्थराइटिस के दर्द को दूर करने में कारगर माना जाता है। इस पानी से वज़न भी कम हो सकता है और दिल की सेहत में सुधार भी आ सकता है। इसके अलावा अगर आप अक्सर कब्ज़ की दिक्कत से जूझते हैं, तो इसमें भी आपका फायदा मिल सकता है। आयुर्वेद की मानें, तो यह पानी पित्त, कफ और वात, तीनों दोषों को संतुलित रखता है।
तांबे के पानी की कितनी मात्रा पी जा सकती है?
आप दिन में दो से तीन गिलास तांबे के पानी का सेवन कर सकते है।
किसे नहीं पीना चाहिए तांबे का पानी?
आयुर्वेद के अनुसार, जो लोग दस्त, उल्टी, मतली, गैस, सिरदर्द, जलन या रक्त बहने के किसी गंभीर डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं, उन्हें इस पानी को नहीं पीना चाहिए। इससे स्थिति और खराब हो सकती है। खाली पेट अगर पानी पीते हैं तो मिलता है अधिक फायदा तांबे के बर्तन में पानी पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। ये आपकी इम्यूनिटी बूस्ट करता है, लेकिन अगर आप कॉपर के पानी का अधिक सेवन करते हैं तो ये इससे टॉक्सिसिटी अधिक होती है और आपको पेट दर्द, दस्त का कारण बन जाता है। वहीं इससे डायरिया की समस्या होने लगती है। इसके अधिक पानी पीने से लिवर और किडनी की समस्या भी हो जाती है।