नई दिल्ली: देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है | मणिपुर में लगातार हिंसा जारी है | तजा मामला राज्य के उखरूल जिले के कुकी थोवई गांव में देखने को मिला, जहां भारी गोलीबारी के बाद तीन युवकों के क्षत-विक्षत शव मिले |

मणिपुर हिंसा को लेकर अधिकारियों ने बताया कि लिटन पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गांव से सुबह-सुबह भारी गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा आसपास के गांवों और वन क्षेत्रों में गहन तलाशी के बाद 24 साल से 35 साल की उम्र के तीन युवकों के शव मिले।

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तीन महीने से जारी है हिंसा…

आपको बता दें कि मणिपुर में तीन मई से हिंसा जारी है | राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में जातीय झड़पें हुईं। मणिपुर की आबादी में मैतई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं, आदिवासी नागा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं। वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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