धर्म-कर्म : समाज के सभी वर्गों की चिंता करने वाले, उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए समाधान बताने वाले, सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि, अक्सर देखा गया है घरों में छोटी-छोटी बातों पर कुछ न कुछ हो जाता है। तब घर के बुजुर्ग उसको संभाल लेते हैं, लेकिन इन बड़े बुजुर्ग लोगों पर कोई ध्यान नहीं देता हैं। सरकार इन्हे सीनियर सिटीजन कहती है। लोग कहते हैं कि, 60 साल से ऊपर की उम्र होने के कारण इनका शरीर, दिल, दिमाग कमजोर हो गया है। अब इनको नौकरी से निकाल दिया जाए। सम्मान के साथ इनको विदा कर दिया जाए।

अपना कर्त्तव्य समझो, घर के बड़े-बूढों की खूब सेवा सम्मान करो:-

बाबा जी ने कहा कि, अगर लोग अपने कर्तव्य को समझें, बुजुर्गों, माता-पिता की सेवा करें और उनका सम्मान करें तो उनकी सारी परेशानी और संकट अपने आप ही इनके आशीर्वाद से दूर हो जाएंगी। माता-पिता के कर्ज से कोई उद्धार नहीं हो सकता है। बच्चों, बहुओं को कभी नहीं सोचना चाहिए कि हम इनकी सेवा न करें। सेवा खूब करो और सेवा से दिल को जीत लो, यदि सेवा से दिल जीत लिया फिर तो आपके लिए अपना खजाना खोल देंगे।

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बाबा जी ने आगे कहा कि, सरकारें व्यवस्था तो करती है लेकिन दूसरे देशों जैसी व्यवस्था भारत देश की सरकारें नहीं कर पाती है। अमेरिका में सरकार की तरफ से वृद्धावस्था पेंशन मिलती है जो सीधा उनके बैंक में जाती है। वहीँ इंडिया में दफ्तर से रुपया भेजा जाता है लेकिन वह किसे और कितना मिला इसकी जानकारी नहीं होती है। वहां पर ऐसी व्यवस्था है कि सरकार की तरफ से गाड़ियां भेजकर उनको लाया जाता है। उनके नाश्ते-खाने की सारी व्यवस्था होती है। अमेरिका की तरह ही भारत में भी बुजुर्गों के लिए कुछ व्यवस्था करने के लिए सभी को सोचने की जरूरत है। खासकर नौजवानों को। महाराज जी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि, आपने अभी तक बच्चों के लिए सोंचा, दुकान-कारखाने खुलवाए, अपने बच्चों को पढ़ाया, लेकिन अब उनका भविष्य आपकी तरह न हो और जब बच्चे बुड्ढे हों तो उनको सारी सुख-सुविधा, सम्मान मिले उसके लिए कुछ सोचो।

 

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