लखनऊ:उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण बदलेगा। हाई कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ने भी चुनाव के आधार वर्ष में बदलाव को मंजूरी दे दी है। अब आरक्षण के लिए वर्ष 2015 को आधार वर्ष माना जाएगा। मंगलवार को आधी रात इस मामले में सरकार ने बयान जारी किया। अब बुधवार की शाम तक इसका नोटिफकेशन जारी हो सकता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 10 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसी कड़ी में पंचायतों के आरक्षण की नियमावली में बदलाव पर भी सहमति बनी। सरकार ने 1995 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण तय किया था। हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब बुधवार को नए नियम का शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।

दिशा-निर्देश में यह भी कहा गया है कि इस बार पोलिंग पार्टी में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त तीन मतदान कर्मी नियुक्त किए जाएंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिले के सभी विकास खंडों में एक साथ चुनाव कराने से पोलिंग पार्टियों के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों की आवश्यकता मंडल के दूसरे जिले से पूरा किया जाएगा. इसका निर्णय मंडलायुक्त करेंगे।

इस बार एक ही मतपेटी में पड़ेंगे सभी वोट…

राज्य चुनाव आयोग ने इस बार सभी पदों के लिए मतपत्र एक ही मतपेटी में डालने का निर्णय लिया है. यानी एक ही मतपेटी में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के मतपत्रों को डाला जाएगा।  एक मतपेटी भरने के बाद दूसरी मतपेटी का प्रयोग किया जाएगा।  तीसरी मतपेटी की आवश्यकता पड़ने पर पीठासीन अधिकारी संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट को सूचित करेंगे। जिसके बाद संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट तीसरी मतपेटी उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेटों को मतदान के दिन मतदान केंद्रों के निरीक्षण के दौरान अपने वाहन में अतिरिक्त मतपेटियों को रखने का निर्देश दिया गया है।

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