पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामला: 21 नवंबर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु बाबा रामदेव को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि वे भ्रामक विज्ञापन बनाएंगे तो हर प्रोडक्ट पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूला जायेगा। जिसपर बाबा रामदेव ने मीडिया से बात करते हुए अपने पक्ष को रखा और कहा कि अगर वे गलत साबित होते हैं तो मौत की सजा भी मंजूर है।
संविधान का आदर करते हैं लेकिन हम गलत नहीं
आज मीडिया से बात करते हुए बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ गिरोह है जिन्होंने ऐसी संस्था बना रखी है जो योग, आयुर्वेद एवं सनातन परम्परा के खिलाफ झूठा प्रोपोगेंडा चला रहे हैं। सिंथेटिक वर्ल्ड में आज भी बीपी,शुगर,अस्थमा,थयरॉइड,अर्थराइटिस जैसी कई अन्य बीमारियां हैं जिनका जड़ से इलाज सम्भव नहीं है लेकिन पतंजलि ने ऐसे मरीजों को इंटीग्रेटेड एंड एविडेंस बेस्ड ट्रीटमेंट से ठीक किया है। हम सभी प्रमाण और अनुसन्धान के साथ उपचार कर रहें हैं। यह सभी प्रमाण पतंजलि की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, कोई भी जाकर देख सकता हैं। अगर हम झूठे साबित होते हैं तो हम पर कार्यवाही हो और अगर हम निर्दोष हैं तो उन गिरोह पर जरूर कार्यवाही हो और उनपर उल्टा जुर्माना लगाया जाए जो पतंजलि को बदनाम करने की साजिश में लगे हैं। पतंजलि के खिलाफ यह साजिश आज से नहीं बल्कि 5 सालो से हो रही है। स्वामी जी ने कुछ अज्ञात लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि मॉडर्न मेडिकल साइंस में कुछ तामसी और राजसी लोग हैं जो मेरे लिए ड्रग माफिया हैं। पतंजलि के खिलाफ यह सारी साजिश मेडिकल माफिया की है जो अपने अलावा किसी और का सच स्वीकार नहीं कर सकते। बाबा ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करते हैं कि अगली सुनवाई में उन्हें पुरे प्रमाण के साथ उपस्थित होने की आज्ञा मिले जिसमे वो ठीक किये हुए मरीजों के साथ आएंगे और 1940 में जो ड्रग एंड मैजिक एक्ट बना था उसकी खामियों को भी उजागर करेंगे।
क्या था मामला
पतंजलि अक्सर अपने विज्ञापन में अपने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स की तुलना ऐलोपैथिक दवाइयों से करते हुए पतंजलि प्रोडक्ट्स को बेहतर दिखाती है। जिस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अहसानउद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने फटकार लगाते हुए कहा कि यदि कम्पनी ऐसे भ्रामक विज्ञापन जारी रखेगी तो कंपनी के हर प्रोडक्ट पर 1 करोड़ रूपए का जुर्माना लगेगा।