Subhash Chandra Bose Jayanti 2024: ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा’ आज भी यह नारा देश के कई युवाओं को प्रेरणा से भर देता है। इस नारे को देने वाले महान व्यक्ति का नाम अगर हम ना भी बताएं तो भी आप भली भांति जानते होंगे। आज पूरा देश उस महान क्रन्तिकारी की 128वीं जयंती मना रहा है। उनके सुन्दर विचार और राष्ट्रप्रेम को देखते हुए 2021 में PM नरेंद्र मोदी ने इस दिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। जी हाँ हम बात कर रहे हैं महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की, जिन्होंने 21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी। जो देश से बाहर रहते हुए देश की सेवा कर रही थी। इटली, आयरलैंड, जापान, कोरिया, चीन, फिलिपींस जैसे 9 देशों का समर्थन लेकर अपने युवा साथियों के साथ मिलकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ ‘जय हिन्द’, ‘दिल्ली चलो’, ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा’ जैसे क्रन्तिकारी नारे लगाए और देश से बाहर रहते हुए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी। देश के इस महान सपूत को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स के माध्यम से नेता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की

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ऐसा कहा जाता है कि, नेता जी और महत्मा गांधी के विचारों में बहुत मतभेद थे लेकिन सबसे पहले सुभाष चंद्र बोस ने ही महत्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से नवाजा था। इतना ही नहीं, उन्होंने बापू को ‘देशभक्तों का देशभक्त’ भी बताया था। नेता जी का जन्म 23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक में हुआ था। 15 साल की आयु में नेता जी की मुलाकात स्वामी विवेकानंद से हुई जिसके बाद उनके विचारों में काफी बदलाव आए। कहा जाता है कि, 1919 में हुए जलियांवाला बाग़ हत्याकांड ने नेता जी को झकझोर कर रख दिया और वहीं से उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ठान ली थी।

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