WHAT IS OVERTHINKING: ओवरथिंकिंग जब हद से ज्यादा बढ़ जाए तो इसे मानसिक बीमारी की कैटेगरी में रखा जाता है. जब कोई व्यक्ति छोटी सी बात को भी लंबे समय तक सोचने लगे तो यह ओवरथिंकिंग कहलाती है. किसी भी काम को करने या फैसला लेने से पहले लोग सोचते हैं, जो सही भी है. यह इंसान का नेचुरल स्वभाव है, लेकिन जब यह स्वभाव हद से ज्यादा बढ़ जाए तो ओवरथिंकिंग कहलाती है.

ओवरथिंकिंग से बचना है तो अपनाएं ये टिप्स

अगर आप भी अपने आप को ओवरथिंकिंग से बचना है तो आप नियमित रूप से मेडिटेशन का अभ्यास भी करें. इससे आपके अंदर का डर, घबराहट कम होगा. मेंटली आपको रिलैक्स महसूस होगा. एक शांत जगह पर बैठकर प्रतिदिन आप सिर्फ 5 मिनट के लिए मेडिटेशन करें.

खुद को करे डिस्ट्रेक्ट करने की कोशिश
यदि आप ओवरथिंकिंग करती है तो अपने मन पसंदीदा कार्यों में व्यस्त हो कर खुद को नकारात्मक विचारों से डिस्ट्रेक्ट करने की कोशिश करें. आप चाहे तो किचन में नई रेसिपी भी ट्राई कर सकती हैं. इसके साथ ही वर्कआउट क्लास और पेंटिंग जैसी गतिविधियों में भाग लेना भी उचित रहेगा.

 असफलता का डर
जो लोग ज्यादा सोचते है उन्हें अक्सर असफलता या नकारात्मक परिणामों का डर रहता है. वे अपने दिमाग में लगातार कुछ चीजों को दोहराते रहते हैं, हर संभावित परिणाम की आशा करने और योजना बनाने की कोशिश करते है, जो इंसान को मानसिक रूप से थका देने वाला हो सकता है. ऐसे में आपको अपना ध्यान और मन कंही और लगाना है.

आत्मविश्वास की कमी
जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है वह लोग ज्यादा सोचते है। ऐसा व्यक्ति अपने फैसलों पर संदेह करने लगता हैं और लगातार खुद से सवाल करता हैं, ऐसी परिस्थिति में इंसान वर्थिंकिंग का शिकार हो जाता है.

 

 

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