लखनऊ। मोहनलालगंज ब्लाक के बलसिहंखेड़ा ग्राम पंचायत में मतदाता सूची में बीएलओ द्वारा फर्जी प्रपत्रो के सहारे शामिल किये गये 56 बाहरी लोगो के नामो को हटाने के लिये पहले तो ग्रामीणो ने उपजिलाधिकारी से शिकायत की थी लेकिन नाम नही हटाये गये,जिसके बाद सजग ग्रामीणो ने उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में मतदाता सूची में शामिल बाहरी लोगो के नाम हटाये जाने के लिये याचिका डाली तो उच्चन्यायालय ने 11फरवरी2021 को मोहनलालगंज उपजिलाधिकारी/निर्वाचन अधिकारी को जांच कर बाहरी मतदाताओ के नाम हटाये जाने के निर्देश दिये,जिसके क्रम में उपजिलाधिकारी/निर्वाचन अधिकारी विकास कुमार सिहं ने नायाब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी को जांच के बाद सूची में शामिल किये गये बाहरी मतदाताओ के नाम हटाने के भी निर्देश दिये।
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लेकिन उच्चन्यायालय के आदेशो को दरकिनार कर नायाब तहसीलदार डेढ माह तक जांच को दबाये बैठे रहे ओर ना ही बाहरी लोगो के मतदाता सूची में शामिल नाम हटाये।शुक्रवार को पूरे मामले का सोशल मीडिया पर मैसेज वारयल होने के बाद हड़कम्प मचा तो ग्रामीणो का आरोप है अधिकारी नाम बढवाने वाले लोगो से सांठगाठ कर चुपचाप बढाये गये नामो के मतदाताओ की नोटरी मगंवाकर सूची में शामिल किये गये बाहरी मतदाताओ के नामो को हटाने की बजाय गुपचुप तरीके से बचाने में जुटे रहे।वही उच्चन्यायालय के आदेश के क्रम में जांच के बाद भी बाहरी लोगो के नाम ना हटाये जाने के बारे में निर्वाचन अधिकारी विकास कुमार सिहं से पुछा गया तो उन्होने जांच के बाद नाम हटाये जाने की बातकहकर पल्ला झांड लिया।