Hanuman Ji Birth Story: सनातन पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी को भगवान् शिव का अवतार माना जाता है और उन्हें पवनपुत्र के नाम से भी जाना जाता है लेकिन हनुमान जी की सबसे बड़ी पहचान रामभक्त के रूप में की जाती है, जिनके रोम रोम में भगवान राम और माता सीता निवास करते हैं. कहा जाता है कि 8 चिरंजीवियों में से एक हनुमान जी भी हैं जो आज भी धरती पर रहकर राम नाम का जप कर रहे हैं. ऐसे रामभक्त हनुमान की जन्म की कहानी भी अत्यंत रोचक है.

इसे भी पढ़ें: Urine Infection को न करें इग्नोर, इन 5 घरेलू उपचार से पाएं राहत

पौराणिक कथाओं के अनुसार अंजनेरी पर्वत पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. अंजनेरी पर्वत वर्तमान में नासिक से कुछ दूरी पर महाराष्ट्र में आता है. हनुमान जी के पिता केसरी वृहस्पति के पुत्र हैं और सुमेरु पर्वत के राजा थे. माता अंजना अपने पूर्व जन्म में स्वर्ग की अप्सरा थी एक अभिशाप के कारण उन्हें धरती पर रहना पड़ा. केसरी से विवाह करने के कई वर्षों बाद तक भी जब पुत्र प्राप्ति नहीं हुई तो उन्होंने भगवान शिव की आराधना एवं तपस्या की. माता अंजना की यह तपस्या 12 साल तक चली. 12 वर्षों बाद हनुमान जी का जन्म हुआ और माँ अंजना अभिशाप मुक्त हुईं। भगवान हनुमान को पवन पुत्र भी कहा जाता है, इसके पीछे कुछ कथाओं में यह जिक्र है कि पवन देव ने भगवान् शिव की पुरुष ऊर्जा को माता अंजना के गर्भ में हस्तानांतरित किया था.

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *