Covishield: सोशल मीडिया पर आज सुबह से ही #covishield और #heartattack ट्रेंड हो रहा है जिसकी वजह कोविशील्ड बनाने वाली कम्पनी एस्ट्राजेनेका का हाईकोर्ट में कुबूलनामा है जिसमे कंपनी ने कोर्ट के सामने कुबूल किया है कि, बहुत ही दुर्लभ केस में इस वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं. कम्पनी द्वारा बताये गए साइड इफ़ेक्ट में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clot) या बॉडी में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं. बॉडी में ब्लड क्लॉट की वजह से ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्याओं का जिक्र किया गया है.

दरअसल लंदन में कई लोग कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद बीमार हो गए और इनमे से ही एक शख्स जेमी स्कॉट ने लंदन हाईकोर्ट में केस कर दिया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगवाने के बाद उनका ब्रेन डैमेज हो गया. जिसके बाद एस्ट्राजेनेका कंपनी ने कोर्ट में यह बात स्वीकार कर ली है कि इस वैक्सीन के लगने के बाद शरीर में खून के थक्के जमने जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. खून के थक्के जमने से ब्रेन स्ट्रोक या दिल का दौरे का खतरा बढ़ जाता है जिसे TTS यानी थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम कहते हैं.

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आपको बताते चलें कि, इसी वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से एस्ट्राजेनेका कम्पनी से लाइसेंस मिलने के बाद उतारा गया था. इस कम्पनी का प्रोडक्शन भारत में ही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने किया था. मालूम हो कि, भारत में कुछ महीने पहले ही ICMR की रिसर्च के बाद सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वैक्सीन के कारण भारत में कोई हार्ट अटैक नहीं हो रहे हैं.

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