UP: उत्तर प्रदेश में आम जनता पर महंगाई की मार जारी है। खाद्य सामग्रियों, बस का किराया आदि बढ़ने के बाद अब साकार बिजली कनेक्शन भी महंगा कर रही है। कॉस्ट डाटा बुक में कनेक्शन लेते वक्त ली जाने वाली सामग्री व अन्य मदों में बढ़ोतरी की गई है। जिसके बाद नया बिजली कनेक्शन लेना घरेलू उपभोक्ता के लिए करीब 44 फीसदी और उद्योगों के लिए 50 से 100 फीसदी तक महंगा हो सकता है।

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बतादें की, इस बढ़ोत्तरी की जानकारी मिलते ही राज्य उपभोक्ता परिषद ने विरोध का एलान कर दिया है। परिषद का कहना है कि पिछले चार साल से कोई दर नहीं बढ़ी है, इसलिए आगे भी नहीं बढ़ने दी जाएगी। वहीँ दूसरी ओर पावर कॉरपोरेशन ने नया प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल कर दिया है। प्रस्ताव के मुताबिक, नए विद्युत कनेक्शन की दरों, मीटर का मूल्य, खंभा, ट्रांसफार्मर, प्रतिभूति राशि, प्रोसेसिंग फीस आदि के शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। इन बढ़ी हुई दरों पर नियामक आयोग सभी पक्षों के बीच सुनवाई करेगा। बतादें कि, इस बढे हुए रेट को लेकर राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि, इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की बैठक में मामले को रखा जाएगा। यह प्रस्ताव पूरी तरह से उपभोक्ता विरोधी है। इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होने आगे कहा कि, एक किलोवाट के कनेक्शन पर बिना जीएसटी अभी तक 1032 रुपये लिए जाते थे, जो प्रस्तावित दर में अब 1486 रुपये हो गया है। स्मार्ट मीटर के सिंगल फेस कनेक्शन पर 3822 रुपये देने होते थे, जो अब 6316 रुपये हो जाएंगे। इस महंगाई के खिलाफ हर स्तर पर विरोध होगा।

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