केरल : केरल के वायनाड में इन दिनों मानसून अपना कहर बरपा रहा है। जिसके चलते तेज बारिश होने के बाद से वहां की स्थिति भूस्खलन में बदल गई। इस भूस्खलन के कारण चारों तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है। भूस्खलन से अब तक मरने वालों की संख्या 413 तक जा पहुंची है। जबकि 152 लोग लापता हैं, जिसकी तलाश रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए की जा रही है। बता दे इस रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 10वां दिन है।
अभियान में बरामद हुए 78 शव
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों की तरह ही कुछ टीमें वायनाड में चलियार नदी और मालापुरम जिले से गुजरने वाले इलाकों में तलाशी अभियान चला रही हैं। इस अभियान के दौरान कुल 78 शव बरामद किये गए है, इन सभी के बीच हैरानी की बात तो ये है कि 150 से ज़्यादा शवों के अंग पाए गए हैं। ऐसे में नदी से बरामद किए जा रहे शवों और उनके अंगों के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार पहले डीएनए परीक्षण के लिए शवों औऱ बरामद अंगों को भेजा जाता है। ताकि लोगों की पहचान की जा सके।
भूस्खलन की तबाही को देख दहशत में वायनाड निवासी
केरल के वायनाड में आए भूस्खलन की तबाही को देखते हुए वहां के निवासी काफी दहशत में आ गए है, जिसके चलते पलायन करने को तक मजबूर है। बता दें वायनाड में भूस्खलन वाले प्रभावित इलाकों में 100 से ज़्यादा राहत शिविर हैं, जहाँ 10,800 से ज़्यादा लोग निवास करते हैं। ऐसे में वे लोग जल्द से जल्द दूसरे स्थानों पर जाने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि इलाके में स्थानीय स्वशासन उन घरों की तलाश कर रहा है जो बंद हैं और साथ ही ऐसी इमारतें भी हैं जिनका इस्तेमाल राज्य सरकार नहीं करती। इस भयाभह स्थिति के बीच राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी का कहना है कि वे क्षेत्र में स्कूलों को फिर से खोलने के लिए पूरी कोशिश में लगे हुए हैं और तब तक बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प जारी रहेगा।
पीड़ितों को मिलेंगे फ्लैट
वायनाड में इस भयाभह स्थिति को मद्देनजर रखते हुए एक कैबिनेट उप-समिति ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा पुनर्वास तीन चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में प्रभावित क्षेत्रों या आस-पास की पंचायतों की पंचायत सीमा के अंदर खाली घरों, क्वार्टरों, फ्लैटों और छात्रावासों में पीड़ितों और बचे लोगों को तत्काल भेजना चाहि, लेकिन अस्थायी समाधान शामिल है। वहीं इसके अलावा किराये के मकान या फ्लैट सरकारी खर्च पर ढूंढे और जल्द से जल्द इन बेसहारा लोगों को सहारा दिये जाएंगे।