एंटरटेनमेंट: फिल्मों में आपत्तिजनक सीन अक्सर देखने को मिल ही जाते है। जिस पर सेंसरशिप की धड़ाधड़ कैंची चल ही जाती है। मगर ओटीटी प्लेटफार्म पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है। इस पर कोई भी कंटेंट बिना जांच के निकल ही जाता है जिसका कोई जवाब देही नहीं होता है। लेकिन हाल ही में दिग्गज अभिनेता रजा मुराद ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।

ओटीटी पर सेंसरशिप होना जरूरी

खबरों के मुताबिक रजा मुराद ने सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए कंटेंट को रेगुलेट करने और इसके महत्व पर एक बड़ा बयान दिया है। जहां एक्टर ने कहा कि मेरी राय में,ओटीटी प्लेटफार्मों पर निश्चित रूप से सेंसरशिप की कैंची चलनी चाहिए। क्योंकि सेंसरशिप हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग क्षेत्र की तरह है। सब कुछ इसकी आंखों से होकर गुजरता है। ऐसे में आप कोई इल्लीगल आइटम लेकर आ रहे हैं, वो तुरंत डिटेक्ट हो जाता है, जिस पर फौरन रोक लग जाती है।

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आपको वहां से कस्टम स्क्रूटनी से भी होकर गुजरना पड़ता है। यहां पर हमारे पास सेंसर बोर्ड है जो फिल्म रिव्यू करता है। सेल्फ सेंसरशिप न किए जाने से एक बड़ा नुकसान हो रहा है जिसका खामियाजा हम सभी के साथ हो रहा है। और वो हैं हमारे और आपके घर के बच्चे जो कुछ ऐसे शब्द और सीन्स को फॉलों करना शुरू कर देते हैं जो अपनी आदतों में लाने भी लगते हैं।

विलेन किरदार में हुए फेमस

एक्टर ने कहा कि मेरा मानना है कि इस स्वतंत्रता का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, इसलिए सेंसरशिप का होने से कोई भी अपनी सीमा पार नहीं करेगा और अगर करता भी है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।’ एक्टर को इंडस्ट्री में उनकी दमदार आवाज और कुछ यादगार विलेन के किरदार के लिए जाना जाता है। आपको बता दें उन्होंने साल 1970 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। राम तेरी गंगा मैली, प्रेम रोग और पद्मावत उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों में से एक हैं।

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