Ratan Tata Death: भारत के दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार 09 अक्टूबर को निधन हो गया। उन्हें सोमवार को उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट के कारण उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर आई थी, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। दिग्गज उद्योगपति रतन एन टाटा के पार्थिव शरीर को आम जनता के अंतिम दर्शन के लिए NCPA लॉन में रखा जाएगा।
रतन टाटा ने दो दिन पहले ही, 7 अक्टूबर को, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अपने स्वास्थ्य को लेकर चल रही अफवाहों को खारिज किया था। उन्होंने अपने प्रशंसकों को आश्वासन दिया था कि चिंता की कोई बात नहीं है और वह सिर्फ उम्र से संबंधित कुछ मेडिकल जांच करवा रहे हैं।अपने आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने कहा था, “मैं आयु से जुड़ी चिकित्सा स्थितियों की जांच करवाने आया हूँ, चिंता की कोई बात नहीं है। मैं अच्छे मूड में हूं।” उन्होंने लोगों और मीडिया से गलत जानकारी न फैलाने का भी अनुरोध किया था।
Thank you for thinking of me 🤍 pic.twitter.com/MICi6zVH99
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 7, 2024
मिली जानकारी के मुताबिक, रतन टाटा के ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। मालूम हो कि, 1991 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभालने के बाद, उन्होंने टाटा समूह को एक घरेलू कंपनी से वैश्विक व्यापारिक दिग्गज में बदलने का काम किया। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने टेटली, कोरस, और जगुआर लैंड रोवर जैसी बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया और 100 बिलियन डॉलर से अधिक के व्यापार साम्राज्य का निर्माण किया। रतन टाटा 2012 में अपने पद से रिटायर हुए, जिसके बाद साइरस मिस्त्री ने उनकी जगह ली थी।
#WATCH मुंबई: दिग्गज उद्योगपति रतन एन. टाटा के पार्थिव शरीर को जनता के अंतिम दर्शन के लिए NCPA लॉन लाया गया। आज शाम को उनका राजकीय अंतिम संस्कार किया जाएगा। pic.twitter.com/7w4TdsMzOd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 10, 2024
रतन टाटा, जो भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों और परोपकारियों में से एक थे, का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। रतन टाटा ने न केवल टाटा समूह को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, बल्कि उन्होंने अपने सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी लोगों के दिलों में खास जगह बनाई।
रतन टाटा का जीवन प्रेरणा से भरा था। उन्होंने व्यवसाय को केवल मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए एक माध्यम के रूप में देखा। उन्होंने टाटा समूह के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में कई योगदान दिए। टाटा नैनो जैसी परियोजनाएं उनके सरल, सुलभ और जनहितकारी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। रतन टाटा का निधन न केवल भारत के व्यापारिक जगत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा झटका है। उनकी यादें और उनके द्वारा किया गया कार्य हमेशा जीवित रहेगा, और आने वाली पीढ़ियाँ उनसे प्रेरणा लेती रहेंगी। उनका शांत और विनम्र स्वभाव, उनके नेतृत्व की शैली में साफ झलकता था। वह अपनी सफलता के बावजूद हमेशा जमीन से जुड़े रहे और अपने कर्मचारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़े रहे।