UP ByElections 2024: उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव से पहले जातिगत राजनीति फिर से चर्चा में है। दलित वोट को साधने के लिए आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी अध्यक्ष और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पत्र लिखकर विभिन्न प्रशासनिक पदों पर दलित अधिकारियों की संख्या का विवरण मांगा है।

सांसद चंद्रशेखर ने इस पत्र की प्रति नियुक्ति विभाग, गृह विभाग और डीजीपी को भी भेजी है। उन्होंने पत्र में लिखा, “उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जिसकी आबादी लगभग 25 करोड़ है। इसमें लगभग 22% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। संविधान ने इन वर्गों को प्रतिनिधित्व देने और भेदभाव को समाप्त करने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है।”

नगीना सांसद ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जातिगत उत्पीड़न और हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि पुलिस थानों में दलित समुदाय के लोगों की शिकायतें सुनने के बजाय, एफआईआर दर्ज करने में टालमटोल होती है और कभी-कभी उनकी शिकायतें तक बदल दी जाती हैं। यह स्थिति समाज में न्याय की भावना को कमजोर करती है।

सांसद चंद्रशेखर ने अपने पत्र में मांग की कि प्रदेश में विभिन्न पदों पर दलित समुदाय के अधिकारियों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पूछा कि कितने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और थानाध्यक्ष एससी-एसटी वर्ग के हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी जानना चाहा कि प्रदेश के 75 जिलों में कितने अपर मुख्य सचिव, मुख्य सचिव और मंडल स्तर पर दलित अधिकारी तैनात हैं।

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