UP: 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण के दौरान हुए बवाल के बाद पत्थरबाजों और उपद्रवियों की पहचान और गिरफ्तारी का काम तेज हो गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि, हिंसा में शामिल दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। यूपी सरकार द्वारा पत्थरबाजों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाने और नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से कराने की योजना पर काम हो रहा है। जरूरत पड़ने पर आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया जा सकता है।
फोटो और सीसीटीवी की मदद से हो रही पहचान:-
संभल में सर्वे के दौरान हुए बवाल में शामिल लोगों के फोटो जल्द ही मीडिया में जारी किए जाएंगे। पुलिस ने सैकड़ों आरोपियों को पहचान लिया है और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। जिला प्रशासन ने घटना से पहले मस्जिद कमेटी को नोटिस दिया था, लेकिन सर्वे के समय भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।
स्थिति सामान्य करने के प्रयास:-
संभल में हिंसा के तीन दिन बाद बुधवार से हालात सामान्य होने लगे हैं। स्कूल और आवश्यक सेवाओं की दुकानें खुलने लगी हैं। हालांकि इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं। हिंसा के बाद संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रमुख चौराहों पर बल तैनात किया गया है, और रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है।
अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई:-
संभल पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 11 FIR दर्ज की हैं, जिनमें 7 FIR पुलिस द्वारा और 4 मृतकों के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई हैं। पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित 2,750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है।
जनजीवन सामान्य करने की अपील:-
बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा ने शहर में शांति समिति की बैठक की और व्यापारियों से दुकानें खोलने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्दोष लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, लेकिन जिनके हाथों में पत्थर दिखे हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। स्थानीय समाजसेवियों और समुदाय के प्रमुख लोगों ने शांति बनाए रखने और सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत करने के लिए प्रशासन का सहयोग करने की बात कही है।
प्रशासनिक बयान:-
संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि सर्वे अदालत के आदेश पर कराया गया था और कानून का पालन करना अनिवार्य है। एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि हिंसा के बाद एहतियातन इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थीं, लेकिन बाकी सभी चीजें सामान्य हो चुकी हैं। संभल हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई करते हुए हालात पर काबू पाया है। प्रशासन और स्थानीय समुदाय दोनों शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।