UP POLITICS: प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने हाल ही में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रदेश की कानून व्यवस्था से खिलवाड़ न करने की चेतावनी दी। ब्रजेश पाठक ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि इन दोनों नेताओं की गतिविधियां केवल वोटों की चाहत में हो रही हैं, और उनका इन कार्रवाइयों से प्रदेश की शांति और कानून व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है।
संभल में कानून व्यवस्था का उल्लंघन: ब्रजेश पाठक ने कहा कि संभल में निषेधाज्ञा लागू है, और यह स्थिति तब पैदा हुई जब अखिलेश यादव और राहुल गांधी वहां जाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोका, क्योंकि उनकी यात्रा से प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती थी।
वोटों के लिए शांति भंग: उप मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रदेश की शांति और कानून व्यवस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों नेता सिर्फ वोटों के लिए संभल जैसी संवेदनशील जगहों पर जाकर माहौल बिगाड़ना चाहते हैं।
प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार: ब्रजेश पाठक ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश आज एक विकसित राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है, और यहां की कानून व्यवस्था पहले से कहीं बेहतर हो चुकी है। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी खराब थी, जबकि अब उत्तर प्रदेश में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है।
उच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई की चेतावनी: उन्होंने कहा कि संभल की घटना की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
ब्रजेश पाठक ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश आज इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और राज्य में विदेशी निवेश आ रहा है, जो प्रदेश के विकास के संकेत हैं। उनका कहना था कि भाजपा की प्राथमिकता प्रदेश की 25 करोड़ जनता है, और सरकार राज्य की समृद्धि और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ब्रजेश पाठक ने सपा और कांग्रेस नेताओं पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे प्रदेश के आमजन की भावनाओं से खेल रहे हैं। उनका कहना था कि इन नेताओं का मकसद केवल राजनीतिक लाभ प्राप्त करना है, जबकि प्रदेश की शांति और सुरक्षा से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है।