MP News: केंद्र सरकार ने भिखारी मुक्त देश बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है, जिसे 1 जनवरी 2025 से इंदौर शहर से लागू किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य 2026 तक देश को भिक्षावृत्ति से मुक्त करना है। इसके तहत, इंदौर जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि 1 जनवरी, 2025 से भिखारियों को भीख देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रशासन ने पहले ही शहर में जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है जो दिसंबर के अंत तक जारी रहेगा।

इस पहल के तहत, प्रशासन ने इंदौर में भिखारीों को भीख देने पर औपचारिक प्रतिबंध लगा दिया है, और सीसीटीवी कैमरों के जरिए चौराहों पर निगरानी रखी जाएगी। जो लोग भीख देंगे या लेंगे, उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भिक्षावृत्ति को खत्म करना और भिखारियों को मुख्यधारा में लाना है।

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इस योजना के तहत, भिखारियों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार ने एक पायलट परियोजना शुरू की है, जिसमें 30 प्रमुख शहरों को शामिल किया गया है, जैसे दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, मुंबई, अयोध्या, आदि। इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय काम करेगा और भिक्षावृत्ति के हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान करेगा।

इसके अलावा, भिखारियों को पुनर्वास और रोजगार देने के लिए सरकार ने “स्माइल” योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य भिक्षावृत्ति में लगे लोगों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करना है ताकि वे भविष्य में इस रास्ते पर न चलें। इस योजना के तहत मंत्रालय ने पहले चरण में 75 नगर निगमों/नगर पालिकाओं की पहचान की है। स्माइल योजना के तहत एक पोर्टल और मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा, जिससे भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों की जानकारी रियल-टाइम में मिल सकेगी और उनका पुनर्वास आसानी से किया जा सकेगा।

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