Makar Sankranti 2025: हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का बेहद खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान सूर्य को पूजा जाता है। हर साल इस त्यौहार को धूम धाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति के बाद दिन बड़े होने लगते हैं। सूर्य के मकर राशि में आने और फसलों के मौसम की शुरुआत को इसका प्रतीक माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है।

क्या है शुभ मुहूर्त?


हिन्दू पांचांग के अनुसार, 14 जनवरी 2025, दिन मंगलवार को मकर संक्रांति पर महा पुण्यकाल का समय, प्रातः 09:03 बजे से लेकर सुबह के 10:48 बजे तक है। वहीं पुण्यकाल सुबह 09:03 से लेकर शाम के 05:46 बजे तक तक रहेगा। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:27 से 06:21 तक रहेगा। गंगा स्नान के लिए मकर संक्रांति का दिन बेहद ख़ास है। माना जाता है की इस दिन स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे शुभ है।

कैसे करें पूजा?


इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ चढ़ा कर आशीर्वाद और समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डू, खिचड़ी और पोंगल जैसे व्यंजन तैयार कर भगवान् का भोग लगाया जाता है। मकर संक्रांति में ज़रूरतमंदो की मदद करना, दान पुण्य करना आदि शुभ कार्य करने चाहिए।

नाम अलग, महत्व वही


मकर संक्रांति अलग अलग प्रदेश में अलग अलग नाम और तरह से मनाई जाती है। गुजरात में रंग बिरंगी पतंगे उड़ाना एक लोकप्रिय गतिविधि है। वहीं पंजाब में इसे लोहड़ी के नाम से मनाते हैं, जहाँ अलाव जलाकर लोकगीतों और नृत्यों के साथ इसका जश्न मनाया जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जानते हैं। इसमें सूर्य देव को प्रसाद चढ़ाने के साथ चार दिवसीय फसल उत्सव मनाया जाता है। माघ साखी के नाम से इसे हिमाचल प्रदेश में जाना जाता है। स्थानीय भाषा में संक्रांति को साखी और महीने को माघ कहा जाता है। इस दिन लोग भगवन का आशीर्वाद लेने मंदिरों में जाते हैं और पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं।

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