Bihar Politics: बिहार में मकर संक्रांति के अवसर पर होने वाला दही-चूड़ा भोज केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि एक सियासी मंच भी बन गया है। इस बार का दही-चूड़ा भोज इसलिए खास है क्योंकि इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुलाकात ने बिहार की सियासत में नया मोड़ देने की संभावना को जन्म दिया है।

पारस के भोज में लालू यादव के शामिल होने के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि पारस, जो एनडीए से नाराज हैं, आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। पारस ने एनडीए से अपनी असंतुष्टि को कई बार जाहिर किया है, खासकर सीट बंटवारे को लेकर, जिसमें उन्हें कोई खास स्थान नहीं मिला। ऐसे में लालू यादव से मिलकर पारस ने एक संभावित सियासी गठबंधन का संकेत दिया है।

लालू यादव के भोज में शामिल होने से पारस को महागठबंधन में जगह मिल सकती है, जो बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर सकता है। हालांकि दोनों नेताओं ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन इस मुलाकात ने इस बात के संकेत दिए हैं कि बिहार में सियासी समीकरण बदल सकते हैं।

इससे पहले, पारस ने राबड़ी देवी के आवास पर भी दही-चूड़ा भोज में हिस्सा लिया था, जिससे यह संकेत मिला था कि वह राजद के साथ रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। अब यह देखना होगा कि आने वाले चुनावों में पारस महागठबंधन का हिस्सा बनते हैं या नहीं, और इस बदलाव से बिहार की राजनीति में क्या नया समीकरण बनता है।

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