Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में देश की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिटी स्थापित करने के लिए 5 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह सेंटर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च, स्टार्टअप और डाटा एनालिटिक्स से जुड़े कार्यों का प्रमुख केंद्र होगा। इस पहल से न केवल तकनीकी विशेषज्ञों को नए अवसर मिलेंगे, बल्कि आईटी सेक्टर में उत्तर प्रदेश को एक महत्वपूर्ण हब के रूप में विकसित करने में भी मदद मिलेगी।

एआई सिटी: अर्थव्यवस्था और तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका:-
एआई सिटी परियोजना उत्तर प्रदेश को एक बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में सहायक होगी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश आईटी इकोसिस्टम में देशभर में छठे स्थान पर है। नोएडा पहले से ही एक आईटी हब के रूप में विकसित हो चुका है, और अब लखनऊ जैसे टियर-2 शहरों को भी आईटी केंद्रों के रूप में स्थापित किया जा रहा है। लखनऊ के नादरगंज क्षेत्र में एआई सिटी का निर्माण किया जा रहा है।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ:-
इस परियोजना की नोडल एजेंसी यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड होगी। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और अनुसंधान केंद्रों को जोड़ते हुए इस स्मार्ट शहर को विकसित किया जाएगा। नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र में 40 एकड़ भूमि पर यह परियोजना आकार लेगी, जहां डेवलपर कंपनियों को आईटी पार्क निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये और आईटी सिटी विकास के लिए 100 करोड़ रुपये तक की सहायता मिलेगी।

प्रोजेक्ट के तहत विकसित होने वाली संरचनाओं में आधुनिक ऑफिस टावर, प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर, वॉक-टू-वर्क मॉडल के अनुरूप आवासीय परिसरों, किफायती आवास, व्यावसायिक क्षेत्र, मनोरंजन केंद्र और ग्रीन पार्क शामिल होंगे। इसके अलावा, एआई परीक्षण और प्रोटोटाइप निर्माण के लिए विशेष क्षेत्र भी बनाए जाएंगे, जहां शीर्ष तकनीकी संस्थानों और शोध केंद्रों को जगह मिलेगी।

लखनऊ को क्यों चुना गया?
लखनऊ को एआई सिटी के लिए चुनने के पीछे कई कारण हैं:

  • तकनीकी उद्योग: शहर में 800 से अधिक तकनीकी व्यवसाय और 200+ टेक स्टार्टअप कार्यरत हैं।
  • शैक्षणिक उत्कृष्टता: एआई और मेडिकल टेक में विशेष केंद्र पहले से मौजूद हैं।
  • तकनीकी पेशेवरों की उपलब्धता: लखनऊ में 75,000 से अधिक प्रशिक्षित आईटी प्रोफेशनल्स हैं।
  • व्यवसायिक वातावरण: यहां ऑफिस किराया टियर-1 शहरों की तुलना में 40-50% तक कम है।
  • बेहतर कनेक्टिविटी: लखनऊ से दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के लिए 60+ उड़ानें संचालित होती हैं।

सिफी टेक्नोलॉजीज का बड़ा निवेश:-
सिफी टेक्नोलॉजीज ने लखनऊ के चकगजरिया क्षेत्र में एआई हब स्थापित करने के लिए 1000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी ने 150-200 एकड़ भूमि पर हाईपर स्केलर डाटा सेंटर की संभावनाओं को भी तलाशा है। यह परियोजना नोएडा में 7000 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाले 75 मेगावाट डाटा सेंटर के बाद दूसरी सबसे बड़ी योजना होगी।

एआई सिटी में नवाचार और स्टार्टअप्स:-
आईआईआईटी लखनऊ के निदेशक प्रो. अरुण मोहन शेरी ने कहा कि यह परियोजना स्मार्ट सिटी से भी आगे बढ़कर भारत में एक अनूठी पहल होगी। एआई सिटी में वैश्विक स्तर की कंपनियां आएंगी और एआई-आधारित प्रोडक्ट तथा स्टार्टअप विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा, परिवहन और स्वास्थ्य सुविधाओं में एआई के व्यापक उपयोग की संभावनाएं बढ़ेंगी। एआई तकनीक के माध्यम से भूकंप, बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान भी संभव हो सकेगा।

उत्तर प्रदेश को मिलेगा आईटी उत्पादन में बढ़ावा:-
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया आईटी एसोसिएशन (FAIITA) के अध्यक्ष देवेश रस्तोगी ने कहा कि एआई सिटी के निर्माण से उत्तर प्रदेश में डिजिटल परिवर्तन तेज होगा। इससे टेक स्टार्टअप्स, उद्यमों और शोध संस्थानों को बढ़ावा मिलेगा और प्रदेश को एक प्रमुख तकनीकी केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। इस परियोजना से प्रदेश में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी। एआई सिटी परियोजना उत्तर प्रदेश के तकनीकी और आर्थिक परिदृश्य को बदलने में एक बड़ा कदम साबित होगी और इसे देश की पहली एआई-सेंट्रिक स्मार्ट सिटी के रूप में स्थापित करेगी।

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