पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया है। आज शाम 4 बजे राजभवन में नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। भाजपा ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न समुदायों के नेताओं को मंत्री पद सौंपा है, जिसमें राजपूत, भूमिहार, वैश्य और अति पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसे आगामी चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

जेपी नड्डा ने की थी नीतीश कुमार से मुलाकात:-
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 25 फरवरी को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार भाजपा कोर कमेटी के साथ बैठक की थी। इस मुलाकात के बाद ही कैबिनेट विस्तार का निर्णय लिया गया। इससे पहले, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

नए मंत्रियों की सूची:-
भाजपा ने कई नए नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाने का फैसला किया है। शामिल नाम इस प्रकार हैं:

कृष्ण कुमार मंटू (कुर्मी जाति)
विजय मंडल (कैवर्त जाति)
राजू सिंह (राजपूत जाति)
संजय सारावगी (वैश्य जाति)
जीवेश मिश्रा (भूमिहार जाति)
सुनील कुमार (कुशवाहा जाति)
मोतीलाल प्रसाद (तेली जाति)

 

राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश:-
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी पार्टियां अपनी रणनीतियों पर काम कर रही हैं। भाजपा ने अपने कैबिनेट विस्तार में जातिगत संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया है। पार्टी ने अति पिछड़ी जातियों से लेकर अगड़ी जातियों तक को प्रतिनिधित्व दिया है, जिससे चुनाव में व्यापक समर्थन मिलने की उम्मीद की जा रही है।

भाजपा की चुनावी तैयारी तेज:-
भाजपा का यह कदम यह दर्शाता है कि वह चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इस कैबिनेट विस्तार के बाद बिहार की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल सकती है। विपक्षी दल भी अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं, जिससे आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और दिलचस्प हो सकती है।

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