लखनऊ। केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) में दवा संकट गहरा गया है। इस कारण रोगी से लेकर कर्मी तक भटक रहे हैं। ऐसे में व्यवस्था में सुधार न होने पर केजीएमयू के कर्मचारी परिषद ने आंदोलन की धमकी दी है। केजीएमयू का करीब नौ सौ करोड़ का वार्षिक बजट है। यहां 100 करोड़ की सालभर में दवा खरीद होती है। वहीं हर वर्ष बीपीएल कार्ड धारकों के असाध्य रोग के इलाज के लिए सरकार 10-12 लाख रुपये मुहैया कराती है मगर, मरीजों को समय पर दवा नहीं मिल पा रही है। वार्ड से हृदय, किडनी, कैंसर, लिवर के मरीजों की दवा का इंडेंट बनाकर भेज दिया जाता है। वहीं लोकल परचेज (एलपी) के लिए कैंपस में खुलेआम मेडिकल स्टोर पर ऑर्डर डंप रहता है। ऐसे में मरीज-तीमारदार खुद दवा खरीदने को मजबूर हैं।
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दवा संकट के चलते कर्मियों व उनके परिजनों को भी दवा नहीं मिल रही है। ऐसे में केजीएमयू के कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि 15 जून तक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो आंदोलन होगा। साथ ही अधिकारियों से मेडिकल स्टोर का टेंडर निरस्त करने की मांग की जाएगी। उधर आमा मेडिकल स्टोर ने कर्मचारियों को विकल्प दिया, यदि चार दिन में दवा न मिल पाए तो बाहर से खरीद लें। उसका बिल जमा करने पर भुगतान कर दिया जाएगा। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।https://gknewslive.com